नमस्कार दोस्तों और मेरे प्यारे बच्चों, वैसे तो आप सबको पता है पूरी दुनिया में समय-समय पर मौसम बदलते रहते है, जिनमें से मुख्यतः हम पाँच ऋतु का ही जिक्र सबसे ज्यादा करते है। अक्सर स्कूल के विद्यार्थियों से इन्ही ऋतुओं पर निबंध भी लिखने को कहा जाता है, आज हमने भी वर्षा ऋतु पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short & long Essay on Rainy Season in Hindi) लिखा है। पढ़ के देखें और जाने इसका महत्व।
बच्चों आपकी सुविधा के लिए आज का पोस्ट चार अलग-अलग प्रकार से लिखा गया है। जिसमें 200 से लेकर 600 शब्दों में निबंध है। आपको जितने शब्दों की आवश्यकता है, आप उसे पढ़े और ऐसे ही अंत तक हमसे जुड़े रहे।
वर्षा ऋतु पर छोटे एवं बड़े निबंध – Short & long Essay on Rainy Season in Hindi
निबंध 1 (200 शब्द)
बच्चों अगर आपको सिर्फ 200 शब्दों में निबंध लिखने बोला जाए, तो आप इस भाग को पढ़ सकते है। हमने वर्षा ऋतु पर निबंध ( Rainy Season Essay In Hindi) आपके परीक्षा को ध्यान में रखते हुए ही लिखा है।
भूमिका
वर्षा ऋतु हिंदी माह के श्रावण से शुरू होती है और भादो माह तक रहती है। इसे अंग्रेजी में जुलाई से सितंबर तक रहती है भी कहा जाता हैं। तापमान अधिक होने के कारण महासागर, नदी, नाला, तालाब तथा कुआं आदि से जल वाष्प होकर बादल में परिवर्तित हो जाती है, जिससे वर्षा होती है।
वर्षा हमारे लिए क्या पूरे पृथ्वी के लिए बहुत जरूरी है, यह संसार को जीवन देती है, प्यासे को पानी देती है, और मां की तरह जीव-जंतुओं का पालन पोषण करती हैं। वर्षा हमारे जीवन में कई तरीके से प्रभाव डालती है, जितना हमें यह खुशी देती हैं, उतना हमारे मन को दुखी भी कर देती है क्योंकि वर्षा के अधिक होने से हमें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
निष्कर्ष
जिस तरह हर ऋतु का अपना महत्व है ठीक उसी प्रकार वर्षा भी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। वर्षा की पर्याप्त मात्रा में होने से हमारे जीवन हरियाली से भर जाता है तथा पर्याप्त मात्रा से अधिक होने से हमारा वातावरण पर कीचड़ से भर जाता है। जल की सभी प्राकृतिक स्रोत नदी नाले कुआं आदि में पानी भर जाते हैं। जिससे लोगों को लाभ भी होता है और हानि भी होती है। वर्षा ऋतु से किसानों तथा जीव जंतुओं को अधिक लाभ होता है तथा वही बीमारियां फैलने का खतरा भी रहता है।
निबंध 2 (350 शब्द)
अगर ऊपर लिखा हुआ निबंध आपको कम लग रहा, तो आप दूसरे शब्दों में भी लिखें हुए हमारे लेख को पढ़ सकते है।
भूमिका
वर्षा ऋतु सभी ऋतु में खास होती है, क्योंकि वर्षा के बिना हमारा पूरा जीवन और वातावरण अधूरा है। वर्षा ऋतु पूरे संसार के लिए नए जीवन का वरदान लेकर आती है। यह ऋतु जुलाई माह से आरंभ होती है और सितंबर माह तक रहती है।
यह ऋतु ग्रीष्म ऋतु के पश्चात ही आती है,इस ऋतु के आने से लोग प्रसन्नता से भर जाते हैं।वर्षा ऋतु का इंतजार सबसे ज्यादा किसान करते हैं,इसके प्रभाव से पूरी प्रकृति लहलहा उठती है। सूखे पौधे-पत्तियों में मानो यह ऋतु जान फूंक देती है।
वर्षा ऋतु के मनमोहक नजारे
वर्षा ऋतु पूरे वर्ष में 3 से 4 माह ही रहती है, फिर चली जाती है। लेकिन इसके दृश्य की रचना से ही आपका मन इसके होने का एहसास दिलाएगा और मन पूरा आनंद से भर जाएगा। वर्षा ऋतु के आने से पूरी वातावरण में शीतलता छा जाती है, ठंडी-ठंडी हवाएं चलती है, पेड़-पौधे लहलहाने लगते हैं, उनमें नए-नए पत्ते निकल आते हैं, छोटे-छोटे घास पूरे जमीन को मानो हरे चादर से ढक देती है। मोर पंख फैलाकर नाचने लगते हैं, चिड़िया भी अपने मधुर आवाज से वनों की शोभा बढ़ाती है, नदी, तालाब के किनारे मेंढक भी टर-टर की आवाज निकालते रहते हैं। वर्षा ऋतु के आते ही किसान भी खुशी से झूम उठते हैं, इसका इंतजार मानो वर्षों से कर रहे हो। जब बारिश का पहला पानी सूखी मिट्टी में गिरती है, तो उससे एक भीनी सोंधी खुशबू आती है। बच्चे भी बहुत खुश होते हैं, इस ऋतु के आने से जब बारिश होती है, तो उन्हें स्कूल ना जाने का एक बहाना मिल जाता है।
निष्कर्ष
हमारे जीवन में ही नहीं पूरे पृथ्वी में रहने वाले प्राणियों के लिए भी वर्षा का होना बहुत महत्व रखता है, सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह हमारे प्यास को बुझाने में मदद करता है और हमारी जरूरतों को भी पूरा करने में भी अहम भूमिका निभाता है। इसलिए कहा जाता है कि, “जल ही जीवन है।।”
निबंध – 3 (450 शब्द)
कभी – कभी परीक्षा में आपसे 450 शब्दों में भी निबंध लिखने को बोला जा सकते है। तो क्यों ना उसके लिए भी पहले से तैयार रहें। मेरे नन्हे – प्यारे बच्चे हमने वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi) आपके परीक्षा के अनुसार भी लिखा है।
प्रस्तावना
भारत में ऋतुएँ बदलती रहती है भीषण गर्मी के प्रकोप को झेलने के बाद मन में एक उम्मीद की किरण जाग जाती है। वर्षा ऋतु के आने से सभी प्राणी प्रसन्नता से झूम उठते हैं, इस मौसम में सभी को राहत की सांस और सुकून मिलता है। यह हमारे लिए ढेर सारी खुशियों का बौछार लेकर आती है। यह मात्र 3 माह जुलाई से सितंबर तक ही रहती है। कवि भी इस ऋतु पर खूब कविताएं रचते हैं, वर्षा ऋतु के आते ही काले- काले बादल छाए रहते हैं, सूरज भी लुक्का चुप्पी खेलते रहता है। सूर्य की गरम धूप से राहत भी मिलती है। धरती में जिससे कपड़ों का सूखना मुश्किल हो जाता है, चारों तरफ नमी ही नमी रहती है।
उद्देश्य
वर्षा ऋतु का मुख्य उद्देश्य जीवन के चक्र को चलाना तथा नया रूप प्रदान करना है। वर्षा ऋतु के आते ही नदी नाले, तालाब, छोटे-छोटे गड्ढे पानी से भर जाते हैं,जिससे पृथ्वी में रहने वाले सभी प्राणियों के जीवन में जल का अभाव नहीं होता है और चारों और जल ही जल होता है। वर्षा ऋतु का उद्देश्य यह भी है जब लोग सूरज की तपती गर्मी तथा लू को भी झेल चुके होते हैं, उन्हें एक ठंडक एहसास दिलाना भी है। पेड़-पौधों में नए जान का भी संचार करना ताकि पृथ्वी हरियाली से फिर सज जाए। इस ऋतु में कई मौसमी फल भी पकने लगते हैं, इसके साथ ही वर्षा ऋतु में हम कई त्योहार का भी आनंद उठाते हैं, जैसे- रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, सावन सोमवारी आदि।
वर्षा ऋतु के महत्व
वर्षा ऋतु हम सभी के लिए आवश्यक है, लेकिन यह सबसे ज्यादा किसानों के लिए आवश्यक होता है। वर्षा ऋतु किसानों के जीवन में बहुत अधिक महत्व रखता है,क्योंकि खेती के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है,ताकि उनके फसलों को पानी की कमी ना हो। किसान इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं,जिससे उनके फसलों को पानी मिल सके और अधिक अनाज की उपज हो। यह ऋतु जीव-जंतुओं के लिए भी बहुत महत्व रखता है,जो पशु-पक्षी गर्मियों के दिनों में अपनी प्यास बुझाने के लिए भटकते रहते हैं, मगर उन्हें पानी नसीब नहीं हो पाता है। पशु पक्षी भी वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं,जिससे उन्हें पानी की कमी ना हो,उन्हें मिलो दूरियां पानी के लिए भटकना ना पड़े। हमारे जीवन में भी वर्षा ऋतु की अधिक आवश्यकता होती है, बिजली उत्पादन, पशुपालन आदि वर्षा के जलों पर ही निर्भर रहते हैं, इस मौसम में हमें पके फलों का आनंद उठाने का भी मौका मिलता है।
निष्कर्ष
हमारे जीवन में जल का होना अति आवश्यक है,मगर ऋतु के आने से कभी-कभी इतना बारिश हो जाती है कि बाढ़ तक आ जाता है। फसलें बर्बाद हो जाती है,रहना तक मुश्किल हो जाता है। लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर वर्षा का जल धरती की तपन को भी मिटा देता है, इस ऋतु के आने से हमारे जीवन में इसके अच्छे परिणाम है तो इसके दुष्परिणाम भी।
निबंध – 4 (600 शब्द)
अब अंतिम निबंध आपके लिए हाजिर है, इस भाग में हम इसके नुकसान और लाभ की भी चर्चा करेंगे, आइये देखते है आखिरी निबंध के शब्दों को।
भूमिका
भारत जैसे देशों की अर्थव्यवस्था मानसून पर ही निर्भर करती है, एक समृद्ध मानसून अच्छी उपज देती है। देश की तरक्की भी करती है, वहीं दूसरी ओर कमजोर मानसून सूखा, अकाल तथा भुखमरी ला देती है। इस मौसम में धान की खेती प्रमुख रूप से की जाती है, यह मौसम पर्यावरण को पूरा ठंडा कर देता है साथ ही जलमग्न भी कर देता है।
वर्षा ऋतु के फायदे
इस ऋतु का इंतजार हम सभी प्राणी बहुत ही उत्सुकता से करते हैं, क्योंकि इनके बहुत से फायदे हमें मिलते हैं। इनका हमारे जीवन में होना किसी वरदान से कम नहीं है,वर्षा ऋतु के निम्नलिखित फायदे हैं।
- इस ऋतु के आते ही भूजल का स्तर ऊपर आ जाता है। मनुष्य को कुआं ,नदियों तथा अन्य जल स्रोतों से पीने का जल प्राप्त होता है, जिससे उन्हें जल की कोई कमी नहीं होती है।
- किसानों को भी इस ऋतु में बहुत फायदा होता है, क्योंकि इस ऋतु में ही किसान विभिन्न प्रकार के फसलों का उत्पादन करते हैं। वह बारिश के जल को नहरों तथा छोटे-छोटे गड्ढों में जमा करके रखते हैं,जिससे फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी दे सकें, ताकि उनकी उपज अच्छी हो। जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिले।
- यह ऋतु हमें बहुत पसंद है क्योंकि विभिन्न प्रकार के पके हुए मीठे फल तथा सब्जियों खाने को मिलती है।
- इस ऋतु से व्यापारियों को भी बहुत लाभ होता है, वर्षा के जलों को एकत्रित कर मछली का पालन करते हैं, तथा बिजली का भी उत्पादन करके पूरे गांव शहरों में रोशनी फैलाते हैं। दूध वाले भी इसका फायदा अच्छे से उठाते हैं, मुफ्त में गायों को हरी-हरी घास पेट भर के खिलाते हैं और उनसे दुगनी मात्रा में दूध का उत्पादन करते हैं।
वर्षा ऋतु के नुकसान
एक तरफ वर्षा ऋतु के आगमन से जहां फायदे ही फायदे हैं, वहां नुकसान भी बहुत ज्यादा है वर्षा ऋतु के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं:
वर्षा ऋतु में जब अत्यधिक वर्षा होती है तो यह बाढ़ का भी खतरा उत्पन्न करती है जिससे नदी तथा समुंद्र के किनारे बसने वाले लोगों का अधिक नुकसान होता है बाढ़ में कई गांव भी डूब जाते हैं जिससे जानमाल को भी काफी नुकसान होता है।
अत्यधिक वर्षा होने के कारण से किसानों पर भी बुरा प्रभाव देखने को मिलता है उनकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं उनके सारे मेहनत में पानी फिर जाता है वर्षा अपने साथ सभी मृदा को बहा ले जाती हैं।
लगातार बारिश होने के कारण विद्यार्थियों तथा दफ्तर में काम करने वाले लोगों एवं व्यापारियों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है अत्यधिक वर्षा होने के कारण पूरी सड़कें, नाले, नदियां जल से भर जाती हैं जिससे यातायात में असुविधा हो जाता होती है और वे विद्यालय नहीं जा पाते दफ्तर नहीं जा पाते अपने दुकान नहीं जा पाते हैं।
वर्षा ऋतु से हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है सूर्य की किरणें धरती पर नहीं पढ़ पाती हैं बादलों के कारण जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है और जगह-जगह पर जलजमाव से भी मच्छर तथा कीट आदि उत्पन्न होने लगते हैं जिनके कारण खासी सर्दी बुखार आदि बीमारियां होने लगती हैं।
वर्षा ऋतु के आने से हरियाली तो छा जाता है परंतु रहने वाले पशु पक्षियों को कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है लगातार बारिश होने के कारण पशु पक्षियों को रहने के लिए सूखा जगह नहीं मिल पाता है और उन्हें ठंड से भी करना पड़ता है।
जल का संचय
पूरा वर्ष वर्षा ऋतु की जरूरत तो होती है, मगर यह 3 माह तक ही रहता है। मनुष्य जाति अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सिर्फ मानसून पर ही निर्भर नहीं रहती है, बल्कि वह जल का संचय करके पूरे वर्ष जल का उपयोग करती है। आज के समय में जल संचय करने के कई वैज्ञानिक तरीके भी इजाद किया गया है।
निष्कर्ष
वर्षा ऋतु एक सिक्के की तरह है, और हमें पता है कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। वर्षा ऋतु के जहां बहुत सारे फायदे हैं, वहीं बहुत सारे नुकसान को भी झेलना पड़ता है। इस मौसम में नए-नए जीवों को जीवनदान मिलता है, जैसे सूखे पेड़-पौधों, कीटों तथा मछलियों को आदि, वहीं इसकी अधिकता से जीवों के प्राण भी चले जाते है।
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