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गाय पर निबंध – Essay on cow in Hindi

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भारत में गाय को माता माना जाता है जो मनुष्य को अनेक प्रकार के लाभ प्रदान करती है। गाय एक पालतू पशु होती है जो लगभग सभी के घरों में एक ना एक गाय उपस्थित रहती है जिनसे मनुष्य को बहुत तरह का लाभ मिलता है।

गाय से हमें अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं जैसे पोस्टिक दूध और इस दूध से अनेक प्रकार के मिठाईयां बनती है जैसे रसगुल्ला कलाकंद इत्यादि। गाय हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इनके दूध से हमारा शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है।

गाय पर छोटे एवं बड़े निबंध – Long and Short Essay on cow in hindi For Class 6, 7, 8, 9, 10 Students

बच्चों आज हम आपके लिए चार निबंध गाय पर लाए हैं जो आपके लिए पढ़ने में बहुत ही आसानी होगी। इसे आप अपने क्लास के अनुसार पढ़ सकते हैं।

निबंध 1 ( 250 शब्द ) 

प्रस्तावना

गाय को हम अपनी माता के रूप में पूजा करते हैं क्योंकि यह हमें अनेक प्रकार के लाभ प्रदान करती है जिनसे हमारा जीवन अच्छे से व्यतीत हो पाता है। गाय एक पालतू पशु है जो लगभग सभी के घर में रहती है । गाय  को सब लक्ष्मी के रूप में अपने घर में रखते हैं, गाय को लक्ष्मी के रूप में माना जाता है अरुण की पूजा भी की जाती है। गाय हमें दूध प्रदान कर हमारे शरीर को स्वस्थ बनाने में आम भूमिका निभाती है, इसके साथ साथ गाय किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इनका गोबर किसानों की खेती के लिए खाद बराबर होती है जिससे फसल अच्छी उपजती है।

गाय की शारीरिक संरचना

हमारी गौ माता की शारीरिक संरचनाएं बहुत ही अनोखी होती है जिसमें उनके एक मुंह , दो नथुने, दो सिंह, दो कान, दो आंख, चार पैर तथा चार थन होते हैं। इनकी एक लंबी पूछ होती है और पूछ के नीचे का हिस्सा में बालों की गुच्छा  होती है जिससे वे अपने शरीर में बैठे मक्खियों को उड़ाने के लिए प्रयोग में लाती है। इनके चारों पैरों के अंदर खूर होता है जो उनके लिए जूतों का काम करता है जिससे वे आसानी से चल कर एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं और इस तरह उनके पैरों में चोट नहीं लगती।

गाय अनेक प्रकार के रंगों की होती है जिसमें कुछ गाय सफेद होती है कुछ काले रंग की होती है कुछ भूरे रंग की होती है और कुछ लाल रंग की होती है इसके साथ-साथ बादामी रंग की भी कई गाय पाई जाती है तथा चितकबरी रंग की भी गए इस धरती पर उपलब्ध है। हरे रंगों की गाय हर जगह देखने को मिलेंगी भारत में अधिकतर गाय सफेद कलर की ही देखने को मिलती है जो बहुत ही खूबसूरत दिखती है।

निष्कर्ष

घरों में लक्ष्मी के रूप में उपलब्ध होती है उन्हें लक्ष्मी के रूप में मानकर उनकी पूजा भी की जाती है और वह हमें अनेक प्रकार से बहुत ही लाभ प्रदान करती है जिससे हमारा जीवन सुखमय हो जाता है।

निबंध 2 ( 350 शब्द )

प्रस्तावना

गाय माता एक पालतू पशु होती है जिन्हें हर व्यक्ति अपने घर में रखते हैं क्योंकि इनसे हमें अनेक प्रकार की लाभ मिलती है जिससे हमारा जीवन सुखमय हो जाता है।

गाय माता को  देवी का दर्जा दिया जाता है इसमें उनकी पूजा की जाती है और सब इन्हें लक्ष्मी देवी के रूप में अपने घर में रखते हैं और इनकी देखभाल बहुत ही अच्छे तरीके से करते है , क्योंकि गाय हमें दूध गोबर इत्यादि जैसे पौष्टिक आहार  मिलती है।

उपयोगिता

गाय हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पशु है जिनके द्वारा हमें अनेक प्रकार की लाभ मिलती है जैसे दूध गोबर इत्यादि

दूध बच्चों से लेकर बड़े युवक के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक पौष्टिक आहार होता है जो बच्चों और हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए इससे हमारा शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है और  हमें अपने कामों को अच्छे तरीके से करने के लिए शारीरिक रूप से मजबूत होना पड़ता है जो हमें गाय के दूध से मजबूती मिलती है।

गाय के दूध से अनेक प्रकार के खाद्य सामग्री बनती है जैसे पनीर मिठाईयां मक्खन तथा घी इत्यादि। गाय के हर अंग हमारे लिए उपयोगी होता है इसलिए हम इसे उपयोगी पशु भी कहते हैं। गाय के द्वारा दी गई दूध से बनाए गए कि और इसके साथ उनके जो मूत्र  होते हैं उनसे अनेक प्रकार की औषधियां भी बनाई जाती है जो हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इन सभी से बनाई गई औषधियां गहरी गहरी बीमारियां भी ठीक कर देती है। गाय के द्वारा दिए गए गोबर किसानों की फसलों के लिए अत्यधिक उत्तम खाद्य होता है जिससे फसल बहुत ही अधिक मात्रा में उत्पादित किया जाता है। सभी खाद्य पदार्थों में गाय का गोबर अत्यधिक उत्तम खाद्य माना जाता है क्योंकि इस खाद्य से फसल बहुत ही अच्छी उपस्थिति है और साथ में यह एक प्राकृतिक खाद है।

गाय हमारे लिए इतनी उपयोगी पशु है कि इनके मरने से इनके शरीर के सारे अंगो का प्रयोग हमारे लिए कुछ ना कुछ बनाने में किया जाता है जैसे गाय के मरने के बाद उनके चमड़े से मनुष्य के लिए जूते चप्पल ए बैगर बहुत से ऐसे सामग्री हैं जो बनाई जाती है, हड्डी सिंह इत्यादि भी किसी ना किसी काम में प्रयोग में लाई जाती है।

गाय के दूध हमें अपने बच्चों के साथ साथ खुद भी सेवन करना चाहिए क्योंकि यह एक पोस्टिक आहार होती है जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखती हैं। नवजात शिशु को कुछ दिन जन्म लेने के पश्चात उन्हें गाय के दूध को पिलाना चाहिए ताकि उनका आंतरिक रुप से शरीर मजबूत रहे और इससे उनका दिमाग भी तेज रहता है।

गाय की नस्लें

भारत देश में गाय अनेक प्रकार की नस्लें की होती है जैसे थारपारकर, साहिवाल , गीर कथा करण फ्राई इत्यादि, जिसमें थारपारकर नस्ल की गाय जोधपुर, जैसलमेर, कक्षय इत्यादि जगहों में पाई जाती है। साहिवाल नस्ल की गाय हरियाणा पंजाब दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार में पाई जाती है। गिर नस्ल की गाय दक्षिण काठियावाड़ में  देखने को मिलती है वही करण फ्राई नस्ल की गाय राजस्थान में देखने को मिलेंगे। हमारे भारत देश में विदेशों के अपेक्षा गाय छोटी आकार की होती है वही विदेशों में गाय हमारे गांव से बहुत बड़े आकार की होती है और उनका नाम जर्सी गाय होता है जो बहुत मात्रा में दूध देती है।

निष्कर्ष

हमारे देश में गाय अनेक प्रकार के नस्लों के साथ-साथ अनेक प्रकार के रंग-बिरंगे रंग की पाई जाती है जिसे लक्ष्मी के रूप में हम सभी उनकी पूजा करते हैं और उनका सम्मान करते हैं और वह हमें अनेक प्रकार के लाभ भी प्रदान करते हैं।

निबंध 3 ( 400 शब्द ) 

प्रस्तावना 

गाय हमारी माता होती है और इसके साथ वह हमारे सभी घरों में लक्ष्मी के रूप में मानी जाती है और सब लोग इन्हें अपने घर में सम्मान रुप से रखते हैं और इनकी देखभाल करते हैं। गाय हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि गाय की दूध हमारे लिए बहुत ही पौष्टिक आहार साबित होती है जिससे हमारा शरीर मजबूत रहता है और हम किसी भी कार्य को करने में सक्षम होते। गायों द्वारा दी गई दूध से बनाए गए की औषधि के काम करते हैं जिससे हमें कई बीमारियों से छुटकारा मिलती है।

गाय का धार्मिक महत्व

गाय को हमारे देश में लक्ष्मी का रूप माना जाता है इसलिए हमारे देश के लगभग हर घरों में गाय देखने को मिलेंगी लोग गायों की सेवा करते हैं उनकी देखभाल करते हैं और उनसे अनेक प्रकार के लाभ भी प्राप्त करते हैं।

हमारे देश में सभी लोगों का मानना है कि हमारी जो गांव माता होती है उनके शरीर में 33 करोड़ देवी देवता हैं उपस्थित रहते हैं इसलिए हमारी गौ माता को सब कोई आदर सम्मान के साथ देखभाल कर उनको अपने घरों में लक्ष्मी के रूप में रखते हैं। हमारे देश में गौ माता की पूजा लक्ष्मी पूजा के दिन दिवाली में गोवर्धन पूजा के नाम से की जाती है जिनमें उनको सिंदूर से काफी लंबे लंबे टिके लगाए जाते हैं और मोर के पंखों को भी लगा कर उनकी पूजा को संपन्न ने करते हैं।

जिस घर में गाय हैं उस घर में लक्ष्मी का वास है ऐसा अभी भी माना जाता है हालांकि प्राचीन भारत में लोग हमारी गौ माता को समृद्धि की प्रतीक मानते थे, इसके साथ साथ जब भी युद्ध छेड़ता था उस समय लूटमार में आभूषण महंगी चीजों के साथ साथ गायों को भी लूटा जाता था क्योंकि उस समय में गाय भी एक समृद्धि थी ।

उस समय के काल में जिस राज्य में सबसे ज्यादा गाय पाई जाती थी उस राज्य को संपन्न राज्य के साथ-साथ सम्मान भी दिया जाता था क्योंकि गाय उस समय के काल में समृद्धि की प्रतीक मानी जाती थी। पहले जमाने में गायों की मान्यता बहुत ही ज्यादा दी जाती थी।

गाय का दूध हमारे स्वास्थ्य पर असर 

गाय हमारी माता है इनकी दूध हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाती है, इनके दूध से हमारा स्वास्थ्य बहुत ही अच्छा रहता है जिससे हमें कोई बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ता इसके साथ-साथ यह हमारे प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है इसलिए हमें गाय के दूध का सेवन करना बहुत ही अनिवार्य है। इनके दूध का सेवन बच्चों के साथ साथ बूढ़े व्यक्ति भी करते हैं जिससे वे चुस्त और दुरुस्त रहते हैं। उनकी से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे  हमारा शरीर किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए तैयार रहता है जिससे हम बीमारियों से बचे रहते हैं।

गाय के दूध से अनेक प्रकार के सामग्री बनाई जाती है जैसे पनीर , घी कलाकंद मक्खन इत्यादि , इन सभी सामग्रियों को खाने से हमारा स्वास्थ्य बहुत ही अच्छा रहता है और हम फिट रहते हैं इस तरह गाय के दूध हमारे शरीर और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। अधिकतर बच्चों को दूध से बनी कई प्रकार की मिठाईयां जैसे कलाकार रसमलाई मक्खन भी इत्यादि खिलाए जाते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य बहुत ही अच्छा रहता है। घी पूजा की भी एक सामग्री होती है जहां पर दिए जलाने में इसका उपयोग किया जाता है इस तरह गाय के दूध से हमें अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

गाय का अनाज

गाय का अनाज  पोस्टिक अनाज माना जाता है क्योंकि यह पोस्टिक से संबंधित सारी चीजें खाते हैं जैसे हरे घास, धान के अतिरिक्त पदार्थ जिसे पर कहा जाता है उन्हें भी हमारी गौ माता खाती है, इसके साथ-साथ कुटी चोकर खली इत्यादि चीजें गाय खाती है। इन सभी चीजों को गाय खा कर हमें भी दूध के रूप में पोस्टिक आहार प्रदान कर हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है।

हर एक व्यक्ति जो गाय को अपने घर में लक्ष्मी के रूप में रखते हैं उन्हें अनेक प्रकार की सुविधाओं को प्रदान करते हैं जैसे उनके लिए गुहाल बनाते हैं उनके खाने के बर्तन रखते हैं और उनके खाने की सभी चीजों को व्यवस्थित करके रखते हैं और उन्हें समय-समय पर खिलाते हैं। इस तरह व्यक्ति अपना धर्म गायों की सेवा करके पूरा करते हैं।

निष्कर्ष

गाय एक पालतू पशु है और यह पोस्टिक आहार ओ को खाकर हमें दूध के रूप में पौष्टिक आहार प्रदान भी करती है जो हमारे जीवन के लिए अत्यधिक उत्तम आहार है। इसलिए हम सभी को गौ माता की सम्मान और ध्यान अच्छे से रखनी चाहिए।

निबंध 4 ( 600 शब्द ) 

प्रस्तावना

गाय एक शुद्ध पालतू पशु है जिन्हें भारत देश में हर व्यक्ति अपने घर में रखा करते हैं और उनका बराबर ध्यान रखते हुए उनकी हर आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। हमारे देश में गाय को गौ माता कहां जाता है क्योंकि सभी का मानना है कि गौ माता में सभी प्रकार की देवी देवताओं का वास है इसलिए लोग गौ माता को लक्ष्मी के रूप में अपने घरों में रखते हैं और उनका पालन पोषण करते हैं।

हमारे भारत देश में सबसे ज्यादा गायों की प्रजाति पाई जाती है क्योंकि इस देश के हर नागरिक अपने घर में गाय के पालन पोषण के लिए उन्हें रखते हैं क्योंकि साधु का कहना है कि गायों की पालन पोषण करना बहुत ही धार्मिक चीज है इससे हमें धन प्राप्त होता है।

गाय की उत्पत्ति

भारत में गाय को गौ माता के नाम से जाना जाता है और इन्हें लक्ष्मी का रूप मानकर इनकी पूजा की जाती है, हिंदू धर्म में गाय को सम्मान और इनका ध्यान रखा जाता है। इनकी उत्पत्ति बहुत प्रकार से हुई है जिसकी जानकारी हमें पुराणों से मिलती है जिसमें पहला बताया गया है कि जिस समय  ब्रह्मा जी एक मुख से अमृत को पी रहे थे ठीक उसी समय दूसरे मुख से उनका फैन निकल रहा था इसलिए  माना जाता है कि आदि गाय सुरभि की उत्पत्ति उसी समय हुई थी। दूसरे कथाओं से हमें जानकारी दी जाती है कि दक्ष प्रजापति की 60 बेटियां थी जिसमें एक सुरभि भी थी । 

तीसरे पुराण में बताया जाता है कि सुरभि की उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय 14 रत्नों के साथ हुई थी। सुरभि गाय को स्वर्गीय गाय मारा जाता है। सुरभि के सुनहरे रंग की कपिला गाय की उत्पत्ति हुई थी। 5 देविया कामधेनु गाय को वैदिक गाय भी कहा जाता है जो हर इच्छा को पूरी करने में सक्षम होती है। नंदा सुब्रादा सुरभि बहुला सुशीला इत्यादि दैविक गाय मंथन के समय उत्पन्न हुई थी। रवि गाय को ब्रह्मा जी ने लिया तथा दिव्य वैदिक गाय माता कहां जाता है उन्हें ऋषि  ने लिया। जिसमें हर तरह के यज्ञ में विधि वैदिक गाय की उपस्थिति से एक को पूरा किया जाता।

गाय की पहचान

 हमारे भारत देश में सभी लोगों के द्वारा इन्हें गौ माता कहां जाता है और हर एक व्यक्ति गाय को माता के सम्मान प्यार और ध्यान रखते हैं क्योंकि यह हमें दूध जैसे अमृत को प्रदान करते हैं जिससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

कामधेनु गौ माता का वर्णन हमारे शास्त्रों और पुराणों में किया गया है जिसमें बताया गया है कि कामधेनु गाय माता हमारे लिए भगवान करा दिया गया अमूल्य वरदान है जिससे हमें अमृत जैसी दूध मिलती है।

गाय की पहचान मुख्यतः दो प्रकार से होती है:-   

  • 1  उनकी पीठ और गर्दन के नीचे त्वचा पर झुकाव इस विशेषता से हम कामधेनु गाय  की पहचान कर सकते हैं।
  • 2 सुंदर कुंबड़ इस विशेषता से भी हम कामधेनु गाय की पहचान कर सकते हैं।

गाय का महत्व हमारे जीवन में बहुत ही अहम है । पहले जमाने में जिन घरों में या जिन राज्यों में ज्यादा गाय रहती थी संपन्न परिवार या संपन्न राज्य माना जाता था। हिंदू धर्म के लोग गाय को गौमाता मानती है और इनकी देखभाल बहुत ही धार्मिक रूप से करती है। गाय को मारने पर पापी माना जाता है। इसलिए जिनके हाथों भी गाय की मृत्यु होती है वह पापी के हकदार होते हैं।

गाय की देखभाल

गाय हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे हमें कभी अनादर नहीं करना चाहिए जहां तक संभव हो हमें को देखभाल कर उनकी रक्षा और उन्हें पाला पूछना चाहिए क्योंकि गाय एक ऐसी पशु है जो हमें शुद्ध दूध प्रदान करती है और जिससे वधू धाम पीने में उपयोग खिलाते हैं और शुद्ध दूध से देवी देवताओं की पूजा भी की जाती है क्योंकि दूध अमृत के बराबर माना गया है।

हमें गायों की देखभाल बहुत ही अच्छी तरीके से करनी चाहिए उनके रहने के लिए गुहाल बनानी चाहिए और उनके खाने के बर्तन को भी अच्छे ढंग का रख कर उन्हें स्वच्छता पूर्वक भोजन और स्वच्छ पानी प्रदान करना चाहिए क्योंकि वह हमारी गौ माता है जिनका हमें कभी अनादर नहीं करना चाहिए उन्हें हमेशा आदर पूर्वक अपने घरों में जगह देनी चाहिए।

हमारे देश में गाय अनेक प्रकार की पाई जाती है लेकिन उनके दूध कभी अलग नहीं होते, हमारी पवित्र गौ माता का दूध भी पवित्र माना जाता है उन्हें पूजा के साथ-साथ अन्य चीजों को बनाने में भी उपयोग में लाई जाती है। दूध से हमें कई तरह के फायदे होते हैं इनके साथ साथ गायों की हर एक चीजों से हम प्रकार से अपने कामों में प्रयोग में लाते हैं इसलिए हमें गायों की संतुलन इस धरती पर बनाए रखने के लिए उनका ध्यान रखना उनका रखरखाव करना इत्यादि जिम्मेदारी हर मानव का है।

हमें गौ माता की रखरखाव के साथ-साथ उनके आहार का भी ध्यान अच्छी पूर्वक रखनी चाहिए जहां तक संभव हो इन्हें स्वच्छ और अच्छे आहार खिलाना चाहिए, जैसे कूटी पोवाल, हरी घास है, चोकर एवं स्वच्छ पानी पिलाना चाहिए।

गाय से होने वाले लाभ

गाय हमारी गौ माता है और यह हमें अपनी माताओं के जैसा हमारी ध्यान हमारे स्वास्थ्य की ध्यान अपने पोस्टिक दूध को देकर रखती है। 

गौ माता अनेक प्रकार से हमें लाभ प्रदान करती हैं जो निम्नलिखित है:- 

  • 1 शिशुओं को जन्म लेते हैं कुछ दिन बाद गाय की दूध पिलानी चाहिए क्योंकि गाय की दूध में पोस्टिक आहार होता है जो बचपन से ही बच्चे को दी जानी चाहिए जिससे बच्चे फुर्ती ले और चुस्त और दुरुस्त हो।
  • 2 गाय के द्वारा दी जाने वाली दूध से बनने वाली घी और गौ माता की मूर्ति बहुत ही पवित्र मानी गई है क्योंकि घी को पूजा में दिए जलाने के लिए प्रयोग में लाई जाती है तथा घी और मूत्र से अनेक प्रकार की औषधियां बनाई जाती है जिनसे कई प्रकार के रोग दूर होते हैं। यह औषधियों से लोगों की बीमारियां दूर होती है और उनके जिंदगी में खुशियां आती है इसलिए गौमाता हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • 3 गाय की गोबर प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है जिनका उपयोग फसलों में किया जाता है जिससे फसलें अधिक मात्रा में उत्पादित होती है। गाय के गोबर को व्यक्ति सुखाकर इसे इंधन के रूप में प्रयोग में लाते हैं जिसे ज्वालन की प्रक्रिया होती है और अनाज पकते हैं।
  • 4 गाय के दूध को पीने से हर एक युवा व्यक्ति के साथ-साथ बच्चों के दिमाग में फुर्ती आती है तथा उनका दिमाग बहुत तेज गति से चलता है, गाय के दूध पीने से हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है जिससे हम कोई भी काम को करने में सक्षम होते हैं साथ ही दूध एक पौष्टिक आहार है जिसे पीने से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और हम कई बीमारियों से बच जाते हैं।

गाय भगवान के द्वारा दिया गया वरदान है जिसे हमें कभी अनादर नहीं करना चाहिए क्योंकि इनका उपयोग हमारे जीवन में कहीं ना कहीं किसी न किसी रूप से होता है। गाय के दूध का लाभ हमें अनेक रूपों से मिलता है इसलिए हमें गौ माता की पालन-पोषण करनी चाहिए और इनकी रक्षा भी करनी चाहिए क्योंकि आज की जनरेशन में गौमाता सुरक्षित नहीं है बहुत सारे हाथ से और बहुत सारे लोगों के थ्रू गौ माता की हत्या होती है जो उचित नहीं है यह एक पाप है क्योंकि गाय हमारी देवी  होती है जिन्हें हमें सम्मान पूर्वक उनकी ध्यान रख और उनके पालन पोषण कर सुरक्षित रखना चाहिए।

निष्कर्ष

गाय हमारी माता होती है जिन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है क्योंकि आज की जनरेशन में गायों की प्रजातियां लुप्त होती जा रही है बहुत कम जगह गाय हमें देखने को मिलते हैं इसलिए हमें गाय की संतुलन बनाए रखने के लिए गायों की रक्षा करना बहुत जरूरी है। हम लोगों की पोस्टिक आहार गाय से ही मिलती है और इसके साथ-साथ अन्य लाभ गाय द्वारा मिलती है इसलिए हमें गायों की संतुलन बनाए रखने के लिए गायों की रक्षा करना बहुत जरूरी है

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Author

  • निशा खान

    नेहा खान ने हिंदी में एम.ए किया है और कई प्रतिष्ठित प्रकाशनों के लिए लेख लिखे हैं। लेखन उनका शौक है और उन्हें सरकारी योजनाओं, तकनीक, बिज़नेस आइडियाज और शिक्षा पर लिखना बहुत पसंद है। नेहा सरल और समझ में आने वाली जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाने में माहिर हैं।

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