केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ाया गया महंगाई भत्ता। सरकार ने 5वें और 6वें वेतन आयोग के अनुसार निर्धारित किया। वॉरेन बफे ने पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी बेची, 600 करोड़ का घाटा हुआ। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी से जुड़ी बड़ी खबर आई। दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर ने किया बड़ा नुकसान।
ADeeh News, New Delhi: हाल ही में, केंद्र सरकार ने डीए/डीआर में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की। इसमें करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार ने कोरोना काल में रोके गए 18% डीए एरियर पर कोई बयान नहीं दिया। एआईडीईएफ के महासचिव ने इस मुद्दे को जेसीएम स्टाफ साइड की बैठक में उठाया। श्रीकुमार ने राष्ट्रीय परिषद में यह मुद्दा साधा।
बढ़ती हुई मेहनतकशों को मिली बढ़ोतरी से कर्मचारियों को राहत मिलेगी। केंद्रीय सरकार का निर्णय सशक्त बजट और सामूहिक कल्याण की दिशा में है। यह निर्णय बचत कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार का संकेत है।
सरकार की आरे से निर्णय
- केंद्रीय सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए/डीआर में 4% वृद्धि की।
- इसमें 18% डीए एरियर पर कोई विचार नहीं किया गया।
- कोरोना काल में यह निर्णय लिया गया और 18% डीए एरियर पर कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।
- अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने इस मुद्दे को उठाया।
- एआईडीईएफ के महासचिव श्रीकुमार ने राष्ट्रीय परिषद में यह मुद्दा चर्चा किया।
- राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड ने इस मुद्दे पर बैठक की।
- डीए/डीआर में वृद्धि का निर्णय कर केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को आर्थिक समर्थन प्रदान किया।
- यह निर्णय कोरोना के कारण रोके गए 18% डीए एरियर के प्रति किए जाने वाले किसी निर्णय के बारे में नहीं है।
कर्मचारियों के हितों से जुड़े मुद्दे
सी. श्रीकुमार, एनजेसीए के वरिष्ठ सदस्य, ने कहा कि कर्मचारियों के हितों से जुड़े मुद्दे उठाए जा रहे हैं। रक्षा महासंघ एआईडीईएफ के महासचिव ने पुरानी पेंशन और अन्य मांगों को बताया है। 18 महीने के DA/DR भुगतान पर हो रही है बहस। कैबिनेट सचिव को राष्ट्रीय परिषद द्वारा DA एरियर दिया गया है। यह वित्त मंत्रालय को बताया गया है।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है।
- केंद्रीय सरकार ने कहा है कि कोरोना काल में 18 महीने के DA एरियर की मांग है।
- सरकार ने डीए की बकाया राशि देने के लिए आवेदनों की मांग की है।
- केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि डीए एरियर को जारी करना व्यावहारिक नहीं है।
- केंद्रीय सरकार ने कर्मचारियों को 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक नहीं देने का ऐलान किया है।
- एफआरबीएम अधिनियम के स्तर से ज्यादा का घाटा हो रहा है।
- वित्त मंत्री ने बताया कि डीए/डीआर देना व्यावहारिक नहीं है।
- सी. श्रीकुमार ने कहा कि कर्मचारी को ब्याज के साथ छह फीसदी भुगतान करना होगा।
- कर्मचारियों की मांगों में पुरानी पेंशन की बहाली शामिल है।
- केंद्र सरकार ने डीए के एरियर को मौजूदा परिस्थितियों में जारी करना इन्व्यावहारिक नहीं ठहराया है।
- डीए/डीआर के एरियर का भुगतान अब तक नहीं हुआ है।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद, सरकार ने अब तक नहीं किया है।
यही कारण है कि कर्मचारियों ने मुद्दे को उठाने का फैसला किया है। इस मुद्दे पर सरकार और कर्मचारियों के बीच बहस जारी है। वित्त मंत्री ने बताया कि कर्मचारी को ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।
कोरोना काल में डीए का भुगतान रोका गया था-
एनजेसीए के वरिष्ठ सदस्य श्रीकुमार ने बताया कि कर्मचारियों के हितों से जुड़े मुद्दे उठाए जा रहे हैं। एआईडीईएफ के महासचिव ने पुरानी पेंशन की बहाली और अन्य मांगों को बताया। 18 महीने के DA/DR भुगतान पर भी बहस जारी है, कोरोना काल में रोका गया था।
- कैबिनेट सचिव को 18 महीने का DA एरियर मिला है, जो वित्त मंत्रालय ने बताया है।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया गया है, केंद्रीय सरकार ने कहा है।
- केंद्र सरकार ने डीए के एरियर को व्यावहारिक नहीं कहा, 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक नहीं देगी।
- अधिनियम में बताए गए स्तर से अधिक केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चल रहा है।
- कोरोना काल में सरकार ने महंगाई भत्ता और राहत की किस्तें रोकीं, आर्थिक हालात के दावे के साथ।
- जेसीएम के सचिव ने शिव गोपाल मिश्रा के साथ मुद्दे को उठाया, पर केंद्र सरकार ने इसे खारिज किया।
- सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रतिबंध को 2020 में COVID-19 के कारण लगाया गया था।
- सरकार ने कर्मियों को 11 प्रतिशत डीए का भुगतान रोककर करोड़ों रुपये बचाए थे।
- कर्मचारी संगठनों ने सरकार को 18 महीने के एरियर भुगतान के लिए विकल्प सुझाए।
- सी. श्रीकुमार ने कहा कि सरकार की भावना बदल चुकी है।
- 2020 के शुरू में, COVID-19 महामारी के कारण सरकार ने प्रतिबंध लगाया था।
- केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक महंगाई भत्ता और राहत की किस्तें रोकीं।
- उस समय सरकार ने आर्थिक हालात खराब होने का दावा किया था।
34 हजार करोड़ से अधिक नहीं देने का ऐलान
राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने मुद्दे को बैठक में उठाया था। केंद्र सरकार ने पिछले बजट सत्र में मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया। सी. श्रीकुमार का कहना है कि सरकार की भावना बदल चुकी है। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को 34 हजार करोड़ से अधिक नहीं देने का ऐलान किया है।
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