एसआईपी में निवेश कई तरह का होता है। हर महीने एक तय रकम निवेश करें। म्यूचुअल फंड में पैसे लगाएं। एक तरीके से निवेश को बनाएं रखें। आपकी तय की गई रकम से होता है निवेश। एसआईपी में निवेश लंबे समय के लिए होता है। आधारित है धीमी गति और सुरक्षा पर। निवेश को स्वतंत्रता से बचाएं। स्वच्छ बजट में निवेश का बेहतर तरीका। निवेश में बृद्धि को बढ़ावा दें। सालों तक संग्रहित धन बनाएं।
1- रेगुलर एसआईपी
- रेगुलर एसआईपी में हर महीने एक निश्चित रकम निवेश होती है.
- निवेश तिमाही, छमाही, या मासिक आधार पर हो सकता है.
- आप आपकी पसंद के हिसाब से तारीख़ चुन सकते हैं.
- पहले ऑप्शन में हर महीने निवेश करना अनिवार्य है.
- निवेश का मुख्य उद्देश्य सविस्तार धन संचय है.
- इसमें सुधार के लिए आपको अवसर मिलता है.
- निवेश में लाभ का हिस्सा बनने के लिए धीरज चाहिए.
- इसमें स्थिरता और नियमितता होती है.
- आप निवेश तकनीक को अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से समायोजित कर सकते हैं.
- रेगुलर एसआईपी से संग्रहित धन से वित्तीय सुरक्षा मिलती है.
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2- स्टेप-अप एसआईपी
इस एसआईपी में निर्धारित समयानुसार आपको एसआईपी बढ़ाने का विकल्प है। आप सालाना 10,000 रुपये की एसआईपी करते हैं। सालभर में आप इसे 10% या 5% से बढ़ा सकते हैं। हर महीने का निवेश स्वतंत्रता से बढ़ता है। आपका निवेश ऑटोमेटिक रूप से बढ़ता जाता है।
यह आपको निवेश में नए स्तर पर पहुंचने का सुयोग देता है। इससे सालाना आधार पर आपका निवेश मात्रा में वृद्धि होती है। आप अपने चयन के हिसाब से ब्याज दर चयन कर सकते हैं। इस सुविधा के माध्यम से आपका निवेश निरंतर बढ़ता रहता है।
3- फ्लेक्सिबल एसआईपी
- फिर, आता है फ्लेक्सिबल एसआईपी का नंबर, जिसमें आप अपनी एसआईपी में बदलाव कर सकते हैं।
- इसमें रकम बढ़ाने या घटाने का विकल्प होता है।
- लेकिन यदि आप ऐसा करना चाहते हैं, तो आपको हफ्ते पहले फंड हाउस को सूचित करना होगा।
- आप अपनी एसआईपी में किसी भी परिवर्तन की अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।
- इसके बाद, आप अपने वित्तीय संस्था को तिथि से पहले सूचित करना आवश्यक है।
- इसमें एसआईपी कटौती की तारीख से लगभग हफ्ते पहले का समय होता है।
- इससे आप अपने निवेश में सुधार कर सकते हैं या उसे कम कर सकते हैं।
- सभी बदलाव के लिए पहले से ही अपने निवेश कंपनी से सही समय पर संपर्क करें।
4- ट्रिगर एसआईपी
यह एसआईपी पैसे, समय, और मूल्यांकन के आधार पर शानदार है। आप कंडीशन लगा सकते हैं ताकि आप पहले से ही निर्धारित कर सकें। कीमत के आधार पर, आप 1000 रुपये से ऊपर होने पर एसआईपी ट्रिगर कर सकते हैं। एनएवी 1000 रुपये से कम होने पर भी अतिरिक्त पैसे लगा सकते हैं। इसी तरह, समय और मूल्यांकन के आधार पर भी ट्रिगर प्लान किया जा सकता है।
सही समय पर ट्रिगर होने से अच्छा लाभ हो सकता है। एसआईपी को स्वचालित रूप से कंट्रोल करने के लिए कंडीशन बनाएं।विशेष वैल्युएशन के आधार पर निर्णय करना भी संभावना है। यह एक शक्तिशाली और सुरक्षित तरीका है पैसा लगाने का। सही स्थिति में एसआईपी को सक्रिय करना विशेष महत्वपूर्ण है। एसआईपी को स्वयंसेवक बनाएं और बजट के अनुसार सही समय पर कार्रवाई करें।
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5- इंश्योरेंस के साथ एसआईपी
- इस साइपी में इंश्योरेंस कवर भी हो सकती है।
- फंड हाउस के आलग-आलग तरीकों से हो सकती है।
- कुछ फंड दे सकते हैं 10 गुना इंश्योरेंस कवर।
- इसमें एक कैपिंग हो सकती है, जैसे 50 लाख रुपये।
- इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में ही मिलता है यह फीचर।
- यह साइपी में इंश्योरेंस कवर बढ़ सकता है।
- इसमें पहली एसआईपी के अमाउंट का 10 गुना तक कवर हो सकता है।
- इसमें इंश्योरेंस कवर में वृद्धि हो सकती है।
- यह विशेषता इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में ही हो सकती है।
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