7th Pay Commission: एनपीएस फंड पर 35,000 रुपए की मासिक राशि देनी चाहिए, सरकार खजाने से 5,000 रुपए योजना कर रही है। इससे प्रति माह आपको 35,000 रुपए मिलेंगे, जबकि सरकार 5,000 रुपए का सहारा देगी।
2024-25 में केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी: NPS से पेंशन में गारंटी का आश्वासन। OPS में 50% सैलरी पर पेंशन, महंगाई के साथ बढ़ती है। 2004 के बाद कर्मचारियों को NPS पेंशन मिलती है। NPS में सरकार और कर्मचारी निश्चित राशि जमा करते हैं। जमा की गई राशि NPS फंड में होती है, जो मार्केट से जुड़ा हुआ है। NPS फंड के रिटर्न के हिसाब से कर्मचारियों को पेंशन मिलेगी। OPS और NPS में अंतर से सरकारी कर्मचारियों की पेंशन प्रणाली में सुधार हो सकता है। इस खुशखबरी से कर्मचारियों का भविष्य मजबूत हो सकता है। सरकार का प्रयास करना है कि नए नियम से कर्मचारियों को अधिक लाभ हो।
OPS vs NPS: कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन योजना की फिर होगी शुरुआत, जानिए क्या है सरकार का मूड
कमीटी रिपोर्ट लगभग तैयार है
पिछले वर्ष, कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजनाओं को पुनः लागू करने का ऐलान किया। केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम की समीक्षा के लिए कमेटी गठित की। कमेटी के अध्यक्ष वित्त सचिव थे, और उनकी रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों को निश्चित प्रतिशत पेंशन मिल सकती है। नया पेंशन योजना उनके अंतिम वेतन का हिस्सा होगा, यह सूत्रों के मुताबिक है। रिपोर्ट के अनुसार, एनपीएस के तहत कर्मचारियों को अधिक लाभ हो सकता है।
Budget 2024 Expectations: पुरानी पेंशन की मांग के बीच एनपीएस को आकर्षक बनाने की उम्मीद
- सरकार ने पेंशन के लिए आखिरी सैलरी का 35-40% निर्धारित किया है।
- कर्मचारी अपनी सैलरी का 35-40% पेंशन नहीं दे सकते हैं।
- निर्णय से सरकार को वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
- सरकार न्यूनतम पेंशन और फंड के बीच की कमी को भरेगी।
- आखिरी सैलरी का 40% निर्धारित करने पर 40,000 रुपए की पेंशन होगी।
- एनपीएस फंड से मासिक 35,000 रुपए दिए जा सकते हैं।
- सरकार बचे हुए पांच हजार रुपए को खजाने से देगी।
- सरकार एनपीएस को महंगाई भत्ते से नहीं जोड़ती, जिससे खर्च में कमी होगी।
- एनपीएस से सरकार को ज्यादा खर्च नहीं होगा।
- सरकार ने फंड और पेंशन के साथ सावधानी से निर्णय लिया है।
OPS : एक बार फिर लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, जानिए क्या है लेटेस्ट अपडेट
स्टेकहोल्डर्स से चर्चा होगी
सरकारी कर्मचारियों की पेंशन टैक्सपेयर्स के पैसे से होती है, जिस पर महंगाई भत्ता वृद्धि के साथ दबाव है। महंगाई भत्ता की बढ़ोतरी से सरकार ने वित्त सचिव की रिपोर्ट पर निर्णय लेने का आलेख तैयार किया है। विभिन्न पक्षों से चर्चा होगी, फैसले से पहले। सूत्रों के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण निर्णय सरकारी खजाने पर दबाव के कारण हो सकता है। नए वित्त वर्ष में आने वाले निर्णय से पहले, सरकार को सरकारी कर्मचारियों के मामले में विभिन्न पक्षों से सुनवाई करनी होगी।
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