पुरानी पेंशन योजना पर चर्चा: पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लेकर फिर से सरकार की ओर से संसद में बयान आया है। सोमवार, 22 जुलाई को बजट सत्र की शुरुआत हुई। सत्र के पहले दिन, सोलापुर से कांग्रेस लोकसभा सांसद प्रणिति सुशीलकुमार शिंदे ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर सवाल उठाए। इसके साथ ही, उन्होंने 2013 के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों को दी गई पेंशन का राज्यवार डेटा भी संसद में उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इन सवालों का लिखित जवाब दिया।
सरकार की पुरानी पेंशन योजना पर राय
लोकसभा सांसद प्रणिति शिंदे ने पूछा, “क्या सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करने का विचार रखती है? यदि हां, तो 1 जनवरी, 2004 के बाद सेवा में आए सभी लोगों के लिए इसे कब तक लागू किया जाएगा?” इसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, “केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए भारत सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”
असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन पर सरकार का दृष्टिकोण
सांसद प्रणिति शिंदे ने पूछा, “क्या सरकार के पास 2013 से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दी गई पेंशन का राज्यवार कोई आंकड़ा है?” इसके जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, “गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के लिए 2015 में अटल पेंशन योजना (APY) शुरू की गई।
बैंक या डाकघर में बचत खाता वाले 18-40 वर्ष की आयु के सभी भारतीय यह खाता खुलवा सकते हैं। अक्टूबर 2022 से इनकम टैक्स पेयर्स के लिए यह स्कीम बंद कर दी गई है ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को गारंटीकृत पेंशन का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।”
अटल पेंशन योजना की विशेषताएं
APY के तहत सब्सक्राइबर को चुनी गई पेंशन राशि और योजना में शामिल होने की उम्र के आधार पर मासिक, तिमाही, या छह महीने में एक बार अंशदान करना होता है। सब्सक्राइबर को 60 वर्ष की आयु के बाद मृत्यु तक चुने गए अंशदान के आधार पर 1000 रुपये प्रति माह, 2000 रुपये प्रति माह, 3000 रुपये प्रति माह, 4000 रुपये प्रति माह, या 5000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन सरकार की ओर से गारंटी मिलेगी।
योजना के अनुसार, सब्सक्राइबर को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पेंशन लाभ मिलेगा। इसलिए, APY के तहत पेंशन लाभ 2035 से शुरू होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) योजना
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया, “2019 में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) पेंशन योजना भी शुरू की गई है जिसका उद्देश्य वृद्धावस्था सुरक्षा कवर उपलब्ध कराना है। यह योजना 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपये मासिक पेंशन प्रदान करती है।
18-40 वर्ष की आयु के वे श्रमिक जिनकी मासिक आय 15000 रुपये या उससे कम है और जो EPFO/ESIC/NPS (सरकार द्वारा वित्तपोषित) के सदस्य नहीं हैं, वे PMSYM योजना में शामिल हो सकते हैं। यह योजना 2019 में शुरू की गई थी, इसलिए पहला भुगतान 2039 में शुरू होगा।”
PMSYM की विशेषताएं
PMSYM योजना के तहत, पात्र श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। इसमें शामिल होने के लिए श्रमिकों को मासिक, तिमाही, या छह महीने में एक बार अंशदान करना होता है। योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
सरकार की पेंशन योजनाओं का लक्ष्य
सरकार की ये योजनाएं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। इन योजनाओं का मुख्य लक्ष्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में वित्तीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करना है।
पेंशन योजनाओं की प्रासंगिकता
ये पेंशन योजनाएं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहने की आवश्यकता महसूस करते हैं। इन योजनाओं से श्रमिकों को वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता मिलती है, जिससे वे अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस करते हैं।
निष्कर्ष
पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसके पुनः लागू करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। हालांकि, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए अटल पेंशन योजना और प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन जैसी योजनाएं चल रही हैं, जिनका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
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