लोकसभा में वित्तमंत्री ने आठवें वेतन आयोग के गठन के प्रश्न पर जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में इसके लिए कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को निराशा हुई है, जो वेतन आयोग के गठन की माँग कर रहे थे। कर्मचारी यूनियनों ने इस पर घोर विरोध जताया है।
वेतन आयोग का नियम
हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 1 जनवरी 2026 से आठवाँ वेतन आयोग आने वाला है, लेकिन कमिटी के गठन के बिना इसकी रिपोर्ट कैसे पेश की जाएगी? आमतौर पर, 1 से 2 साल कमिटी को अध्ययन करने में लग जाते हैं। इसलिए 2024 में ही कमिटी का गठन होना आवश्यक है।
लोकसभा में सांसद आनंद भदौरिया ने उठाया मुद्दा
कर्मचारी यूनियन लगातार इसके गठन की माँग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर 3 से 4 बार सरकार को अभ्यावेदन भी दिए गए, लेकिन सरकार ने अब तक इसे नजरअंदाज किया। बजट सत्र के दौरान, सांसद श्री आनंद भदौरिया ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया।
आठवें वेतन आयोग पर लोकसभा में चर्चा
सांसद श्री आनंद भदौरिया ने वित्तमंत्री से पूछा कि क्या जून महीने के दौरान यूनियन के द्वारा अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं; और यदि हां, तो इसके संबंध में क्या ब्यौरा है और इस पर सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की जा रही है? इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार कर्मचारियों के वेतन/पेंशन में संशोधन के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन कब तक करेगी?
वित्त मंत्रालय से आया जवाब
इन प्रश्नों का जवाब वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने दिया। उन्होंने कहा कि जून महीने में कर्मचारी यूनियन द्वारा दो बार अभ्यावेदन दिए गए। लेकिन वर्तमान में केंद्र सरकार के पास इसको लेकर कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
कर्मचारियों ने किया घोर विरोध
कर्मचारियों की महत्वाकांक्षी माँग पर दिए गए इस जवाब से वे आहत हैं। उनका कहना है कि सरकार से ऐसे ही जवाब की अपेक्षा थी। सरकार की मंशा कभी भी आठवाँ वेतन आयोग देने की नहीं है। बीजेपी सरकार हमेशा से कर्मचारी विरोधी रही है। पहले पेंशन बंद कर दी और अब वेतन आयोग को भी बंद करने की तैयारी कर रही है।
भविष्य की रणनीति
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की इन आशंकाओं के बीच, सरकार की यह प्रतिक्रिया एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। आने वाले दिनों में कर्मचारी यूनियन इस मुद्दे पर और जोर दे सकती हैं। यूनियनों का कहना है कि वेतन आयोग के गठन के बिना कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।
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कर्मचारियों की माँग
कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने सरकार से अपील की है कि वे जल्द से जल्द वेतन आयोग का गठन करें ताकि कर्मचारियों की वेतन संबंधी समस्याओं का समाधान हो सके। उनका कहना है कि सरकार को कर्मचारियों की जरूरतों और उनके परिवारों की भलाई का ध्यान रखना चाहिए।
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में निराशा है। आने वाले समय में यह मुद्दा और गरम हो सकता है और कर्मचारी यूनियनों द्वारा बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए जाने की संभावना है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और कर्मचारियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
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