झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवरात्रि के अवसर पर वीरभूमि लोहरदगा से राज्य की महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने मंईयां सम्मान योजना की तीसरी किस्त जारी की, जिसके अंतर्गत 45 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में सीधे एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए गए। यह योजना झारखंड की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर सीएम सोरेन ने केंद्र सरकार से अपील की कि अगर झारखंड के 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये वापस किए जाएं, तो इस योजना की राशि दोगुनी कर दी जाएगी।
योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो अपने परिवार का भरण-पोषण करने में जुटी हैं। वर्तमान में, 18 से 49 वर्ष की उम्र की महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार झारखंड का बकाया पैसा लौटाती है, तो इस योजना की राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये प्रतिमाह कर दी जाएगी।
तीसरी किस्त का वितरण
मुख्यमंत्री ने नवरात्रि के पावन पर्व पर लोहरदगा से योजना की तीसरी किस्त जारी की। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों में यह तीसरी किस्त है जो रिकॉर्ड समय में महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की गई है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “नवरात्रि के पवन बेला में वीरभूमि लोहरदगा से मंईयां सम्मान राशि की तीसरी किश्त बहनों के खाते में सीधे पहुंचेगी। हम रिकार्ड समय में यह सम्मान राशि आप तक पहुंचाने में सफल रहे हैं।”
योजना का विस्तार और नए बदलाव
शुरुआत में यह योजना केवल 21 से 49 वर्ष की उम्र की महिलाओं के लिए थी। लेकिन अब झारखंड मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद 18 से 20 वर्ष की महिलाओं को भी इस योजना का हिस्सा बनाया गया है। इसके अंतर्गत सभी योग्य महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस बदलाव से राज्य की अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सकेगा, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
पहले जारी हो चुकी हैं दो किस्तें
इस योजना की पहली किस्त 18 अगस्त से 4 सितंबर के बीच जारी की गई थी, जबकि दूसरी किस्त 13 सितंबर को महिलाओं के खाते में भेजी गई थी। अब तक कुल 48,15,048 महिलाओं को इस योजना के तहत पंजीकृत किया गया है, जिनके खाते में योजना की राशि जमा की जा चुकी है। राज्य सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह योजना झारखंड की महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग की मांग
मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार से झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये लौटाने की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर केंद्र हमारा पैसा वापस कर दे, तो हम यह सम्मान राशि दोगुनी से भी अधिक कर देंगे। इससे राज्य की महिलाओं को और अधिक सशक्त किया जा सकेगा और वे अपने परिवार की वित्तीय स्थिति को सुधारने में बेहतर भूमिका निभा सकेंगी।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
महिलाओं के जीवन में आया सकारात्मक परिवर्तन
मंईयां सम्मान योजना के माध्यम से राज्य की लाखों महिलाओं को लाभ पहुंचा है। यह योजना न केवल उनके आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक सिद्ध हुई है, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति को भी मजबूत किया है। महिलाओं ने इस योजना के तहत मिली राशि का उपयोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने, अपने बच्चों की शिक्षा, और परिवार की भलाई के लिए किया है।
योजना की सफलता और आगे की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना की सफलता इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में इस योजना का और विस्तार किया जाएगा ताकि राज्य की हर जरूरतमंद महिला को इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने सभी लाभार्थियों को बधाई दी और कहा कि यह योजना झारखंड के विकास में महिलाओं की भागीदारी को और बढ़ाएगी।
लंबी अवधि में योजना के प्रभाव
मंईयां सम्मान योजना महिलाओं को सशक्त करने के साथ-साथ राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही है। झारखंड की महिलाएं अब अधिक आत्मनिर्भर हो रही हैं और समाज में अपनी पहचान बना रही हैं। मुख्यमंत्री सोरेन का यह कदम राज्य की आर्थिक प्रगति और महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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