अब उन लोगों को, जो निशुल्क राशन प्राप्त करते हैं, कोई भी कोट दुकानों पर तकलीफ नहीं होगी। उन्हें आरामदायकता की प्राप्ति होगी। उत्तर प्रदेश की सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वे राशन वितरण की दुकानों पर 4जी और 5जी इंटरनेट सुविधाएं प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य निशुल्क राशन लेने वालों को और भी सुविधाएं प्रदान करना है ताकि उनका समय और प्रयास बच सके।
अब कोट दुकानों पर निशुल्क राशन प्राप्तकर्ताओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी, जो एक प्रसन्न और उपयुक्त न्यूनतम कीमत के साथ होगी। यह योगी सरकार का एक और कदम है जिससे कोटा दुकानदारों का छल करने का मार्ग बंद होगा। राशन लेने वालों को आगामी दिनों में और भी अधिक आसानी से उचित और विशिष्ट सुविधाएं प्राप्त होंगी। यूपी की योगी सरकार द्वारा राशन की दुकानों पर 4जी और 5जी इंटरनेट सुविधाएं प्रदान करने की योजना है, जो लोगों को और भी तेजी से सेवाएं प्रदान करेगी।
नई पहल की जानकारी
इस उन्नतीकरण के तहत, ई-पॉस मशीनों को एक नए और विशेष तरीके से तकनीकी उन्नती की जाएगी। यहाँ तक कि वे इलेक्ट्रॉनिक कांटों से जुड़े होंगे ताकि डेटा सुरक्षित रहे और घटतौली न हो। इस प्रक्रिया में, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा के साथ एक बैठक में इस नई पहल की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि गेहूं पर केंद्र सरकार द्वारा लागू स्टॉक लिमिट की राज्य स्तर पर समीक्षा होगी। राशन लेने वालों को एसएमएस से सूचना भी भेजी जाएगी। उत्तर प्रदेश ग्रामीण क्षेत्रों में मॉडल राशन दुकानों के निर्माण में अग्रणी राज्य है। यहां, ग्राम सभाएँ मनरेगा योजना से आर्थिक सहायता प्राप्त करके दुकानों का निर्माण करवा रही हैं। नए दुकानों पर विभिन्न सेवाएं भी प्रदान की जाएँगी, जैसे कि बिजली बिल भुगतान, सीएससी सेवाएं, ब्राडबैंड इंटरनेट, और आम जनमानस की रोजमर्रा की आवश्यक्ताएँ।
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75 जिलों में लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित फोर्टिफाइड चावल योजना के तीसरे चरण की शुरुआत होने वाली है, जिसके माध्यम से प्रदेश के सभी 75 जिलों में एनएफएसए, पीएम पोषण और आईसीडीएस योजनाओं के लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराएंगे।
प्रदेश के खाद्य विभाग के अधिकारियों से इस बार की योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की, उन्हें सुनते हुए कि गेहूं के प्रोक्योरमेंट में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो, तो उसे त्वरित दूर किया जाए।
उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण पहल के तहत अब तक कुल 5600 स्थानों पर मॉडल उचित दर दुकानों के निर्माण के लिए भूमि का चिह्नितीकरण किया गया है। इनमें से 51 दुकानें पूरी तरह से निर्मित हो चुकी हैं और 565 दुकानों का निर्माण विकास की प्रगति पर है।
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