आज कैबिनेट बैठक में 4% डीए वृद्धि प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इससे राज्यकर्मियों का केंद्र के समान 46% डीए होगा। यह निर्णय जुलाई 2023 से प्रभावी होगा। कर्मचारियों पेंशनरों को 4 महीने का एरियर मिलेगा। सरकार ने कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा में सुधार का कदम उठाया है।
Bihar Employee DA Hike update : आज बुधवार को, बिहार के सीएम नीतिश कुमार की अध्यक्षता में 11:30 बजे अहम कैबिनेट बैठक है। स बैठक में 11 लाख सरकारी कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में 4% वृद्धि हो सकती है। सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए 2 महत्वपूर्ण फैसले हो सकते हैं। पेंशनरों के लिए मंहगाई भत्ते में वृद्धि से जुड़ा फैसला हो सकता है। 4 लाख नियोजित शिक्षकों को भी खास तोहफा मिलने की संभावना है। सुबह को होने वाली बैठक में सरकारी कर्मचारियों के हित में फैसले हो सकते हैं। खबर के मुताबिक, मंहगाई भत्ते में वृद्धि 11 लाख पेंशनरों को प्राप्त हो सकती है। यह कैबिनेट बैठक बिहार के सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है।
4 फीसदी डीए में वृद्धि संभव, बढ़कर होगा 46%
- केन्द्र ने मोदी सरकार के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन में वृद्धि की है।
- डीए में जुलाई 2023 से 4% की वृद्धि होगी।
- इससे कर्मचारियों के डीए 46% हो जाएगा।
- नवंबर सैलरी में एरियर भी मिलेगा।
- राज्यों ने भी डीए बढ़ाने का ऐलान किया है।
- आशा है कि कैबिनेट में 4% वृद्धि को मंजूरी मिल सकती है।
- यह राज्यकर्मियों के लिए भी लाभकारी होगा।
- जुलाई 2023 से लागू होने से 4 महीने का एरियर मिलेगा।
- 11 लाख पेंशनर्स को इससे लाभ होगा।
- इसमें 4 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और 6 लाख पेंशन कर्मी शामिल हैं।
- यह कदम कर्मचारियों के भविष्य के लिए सकारात्मक है।
- अच्छे दिनों की शुरुआत हो रही है, जो कर्मचारियों को आर्थिक संबंध में सुधार करेगी।
नियोजित शिक्षकों को भी मिल सकती है सौगात
बिहार में चार लाख नियोजित शिक्षकों के लिए विशेष नियमावली का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद, सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा। परीक्षा पास करने वाले को जिला स्तरीय संवर्ग मिलेगा। शिक्षकों को बीपीएससी परीक्षा पास होने पर सक्षमता परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। सफल नियोजित शिक्षक अपने पुराने स्कूल में रह सकते हैं।
इसमें नियोजन के बाद सक्षमता परीक्षा की व्यवस्था है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने का प्रयास है। यह निर्णय शिक्षकों को उच्चतम स्तरीय दर्जा प्रदान करता है। शिक्षकों को जिला स्तरीय संवर्ग में रखने का विकल्प है। नियोजित शिक्षकों को बिना सक्षमता परीक्षा के भी चुनौतीपूर्ण संवर्ग मिलेगा। यह नया नियम शिक्षकों को पूर्णकालिक अवसर प्रदान करता है।
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