ओपीएस के लिए गठित एनजेसीए की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य, सी. श्रीकुमार ने बताया, इस माह स्ट्राइक नोटिस और अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय होगा। मार्च में सरकारी कार्यालयों में देशभर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो सकती है। एआईडीईएफ के महासचिव ने यह निर्णय सुनिश्चित करने का दिया है।…..
ADeeh News Old Pension: कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग के साथ हड़ताल की तैयारी की है। रेलवे और रक्षा (सिविल) ने अपनी सहमति दी है इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए। देशभर में दो बड़े कर्मचारी संगठनों ने इस हड़ताल का समर्थन दिया है। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू नहीं करेंगे। रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी हड़ताल के पक्ष में हैं। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि जनवरी में हड़ताल की तिथि घोषित की जाएगी। 8 जनवरी से देशभर के सरकार कर्मचारी ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ पर बैठेंगे। हड़ताल के लिए तैयारी में हैं रेलवे के 96 फीसदी और रक्षा विभाग (सिविल) के 97 फीसदी कर्मचारी। संघर्ष जारी रहेगा जब तक मांगों को लेकर सरकार समझदारी नहीं दिखाती।
अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय
एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने घोषणा की, स्ट्राइक नोटिस और अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय इस महीने होगा। मार्च में देशभर के सरकारी कार्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो सकती है। हड़ताल के कारण रेल ठम जाएगी और रक्षा क्षेत्र के उद्योगों में कामकाज बंद हो जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों, संगठनों, प्रतिष्ठानों को 8-11 जनवरी को ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ होगी। कर्मचारी संगठन बुढ़ापे की पेंशन की मांग करेगा, हंगर स्ट्राइक के बाद हड़ताल होगी। जेएफआरओपीएस बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों का हिस्सा होगा।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तिथि की घोषणा बैठक में होगी, स्ट्राइक की तिथि बाद सरकार को सूचित किया जाएगा। कैबिनेट सेक्रेटरी को जेएफआरओपीएस के निर्णयों की जानकारी के लिए पत्र जारी होगा। देशभर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारी आंदोलन है। दिल्ली और अन्य प्रदेशों में रैलियां हो रही हैं, गारंटीकृत पुरानी पेंशन की मांग है। केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है, जो सिर्फ एनपीएस में सुधार की रिपोर्ट देगी। पिछले सत्र में लोकसभा सदस्यों ने पूछा, केंद्र सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है।
गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी होगी
- ओपीएस पर कर्मचारी और सरकार के बीच विरोध बढ़ रहा है, शिव गोपाल मिश्रा ने बताया।
- कर्मचारी संगठनों ने रैलियां की, सरकार से आवाज बुलंद करने का दावा किया।
- सरकार से ओपीएस के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं होने की मांग की गई है।
- सरकार से एनपीएस खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की जा रही है।
- ओपीएस एक गैर राजनीतिक मुद्दा है, रेलवे कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का खतरा है।
- रक्षा विभाग (सिविल) के कर्मियों में से 97 फीसदी हड़ताल के पक्ष में हैं।
- स्ट्राइक बैलेट ने पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से हुआ।
- ज्वाइंट फोरम में केंद्रीय और राज्यों के 36 संगठन शामिल हैं।
- शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, “हमारा आंदोलन राजनीतिक दलों के परे रहेगा।”
- सरकार से स्पष्टता के साथ कहा गया है कि कर्मचारियों को ओपीएस के सिवाय कुछ भी नहीं चाहिए।
- रामलीला मैदान में हुई रैलियों ने कर्मचारियों का समर्थन प्रकट किया है।
- कर्मचारी संगठनों ने कहा, “एनपीएस खत्म करें, पुरानी पेंशन योजना लागू करें।”
- शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि रेलवे कर्मचारियों का 96% ओपीएस लागू करने का खतरा है।
- हड़ताल के लिए तैयार होने का एलर्ट जारी किया गया है, सरकार से मांगें पूरी की जा रही हैं।
- शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, “केंद्र या राज्य, हमारा आंदोलन जारी रहेगा, राजनीतिक मुद्दा नहीं है।”
पीएफआरडीए में संशोधन के बिना ओपीएस संभव नहीं …
- केंद्र सरकार के महासचिव एसबी यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में राज्यों और केंद्र के बीच विवाद है।
- गैर-भाजपा शासित राज्यों ने पुरानी पेंशन की घोषणा की, पर केंद्र ने ‘एनपीएस’ में पैसा वापस देने से मना किया।
- केंद्र ने स्पष्ट किया कि पैसा ‘पीएफआरडीए’ के पास है, नहीं राज्यों के पास।
- नई पेंशन योजना ‘एनपीएस’ के अंतर्गत केंद्रीय मद में जमा हुआ पैसा राज्यों को नहीं मिलेगा।
- पैसा केवल योगदान करने वाले कर्मचारियों के पास जाएगा।
- कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स रिले हंगर स्ट्राइक में हिस्सा लेगी।
- केंद्र सरकार के तरफ से स्पष्ट बताया गया कि पेंशन फंड एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी में है।
- राज्यों ने योजना में बदलाव करने की घोषणा की, पर केंद्र ने इसे अस्वीकार किया।
- एनपीएस से जुड़े पैसे सिर्फ योगदानकर्ताओं को ही मिलेंगे।
- केंद्रीय मद में जमा हुआ पैसा केवल कर्मचारियों को होगा, न कि राज्यों को।
कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स ने हंगर स्ट्राइक में शामिल होने का ऐलान किया है। एसबी यादव ने कहा कि राज्यों की योजना को लागू करने का विवाद है। पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र सरकार और राज्यों के बीच में टकराव है। एनपीएस से जुड़े पैसे केवल योगदानकर्ताओं को ही मिलेंगे, राज्यों को नहीं।
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