Mutual funds News: 31 दिसंबर तक म्यूचुअल फंड कंपनियों के एसेट्स 50.78 लाख करोड़ को पार कर गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, डेब्ट वाले फंड्स से 75 हजार करोड़ की निकासी हुई है। इस पहली बार की घटना ने म्यूचुअल फंड क्षेत्र में नए आंकड़ों की ऊंचाइयों को दर्शाया है।
म्यूचुअल फंड उद्योग ने 2023 में 27% तेजी देखी, अब परिसंपत्ति 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के अनुसार, 31 दिसंबर तक एसेट अंडर मैनेजमेंट 50.78 लाख करोड़ हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों का एसेट पहली बार 50.78 लाख करोड़ को पार कर गया है। आंकड़ों के मुताबिक, ऋण वाले फंड्स से 75 हजार करोड़ से ज्यादा की निकासी हुई। म्यूचुअल फंड उद्योग का वार्षिक तेजी दर्ज करता है, इसका आंकड़ा बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर तक एसेट अंडर मैनेजमेंट 50.78 लाख करोड़ को पार कर गया है। मुद्रास्फीति के साथ म्यूचुअल फंड कंपनियों का एसेट बढ़ा और ऋण वाले फंड से भी ज्यादा निकासी हुई। इस वर्ष में म्यूचुअल फंड्स का आंकड़ा अद्वितीय रूप से बढ़ा, जिससे उनकी मान्यता में वृद्धि हुई। AMFI के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट पहली बार 50.78 लाख करोड़ को पार कर गया है।
क्यों बढ़ रहा आकर्षण
- शेयर बाजार में तेजी के दौर ने उद्योग को स्थिरता प्रदान की है।
- एक मजबूत आर्थिक वृद्धि ने व्यापार को समृद्धि में बढ़ावा दिया है।
- इस वर्ष, इक्विटी योजनाओं ने उद्योग में वृद्धि को बढ़ावा दिया है।
- व्यवस्थित निवेश योजनाएं (एसआईपी) ने वित्तीय समर्थन प्रदान किया है।
- उद्योग विशेषज्ञों ने इक्विटी बाजार को परिसंपत्ति आधार में बढ़ती देखा है।
- ब्याज दरों में स्थिरता ने निवेशकों को आत्मविश्वास दिलाया है।
- संपत्ति पर आधारित वृद्धि ने उद्योग को मजबूती प्रदान की है।
- बढ़ती आर्थिक वृद्धि ने उद्योग को आगे बढ़ने में सहायक बनाया है।
माह (2023) एसआईपी योगदान ( ₹करोड़)
- जनवरी 13,856
- फरवरी 13,686
- मार्च 14,276
- अप्रैल 13,728
- मई 14,749
- जून 14,734
- जुलाई 15,245
- अगस्त 15,814
- सितम्बर 16,042
- अक्टूबर 16,928
- नवंबर 17,073
- दिसम्बर 17,610
म्यूचुअल फंड निवेशकों भी इक्विटी फंड्स पर भरोसा
शेयर बाजार में रिकॉर्ड रैली के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। दिसंबर में रिकॉर्ड 17,610 करोड़ का इनफ्लो हुआ था एसआईपी के जरिए। नवंबर 2023 में 17,073 करोड़ का निवेश हुआ था इससे पहले। एसआईपी के जरिए ताबड़तोड़ हो रहे निवेश से साफ है कि रिटेल निवेशक बढ़ते जा रहे हैं। 2022 में म्यूचुअल फंड के एयूएम में 2.65 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। यह काफी अधिक है, 5.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ।
2021 में परिसंपत्ति आधार सात लाख करोड़ रुपये के साथ लगभग 22 प्रतिशत बढ़ा था। रिटेल निवेशक म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगा रहे हैं जमकर। इससे पहले नवंबर 2023 में 17,073 करोड़ का निवेश आया था। एसआईपी के जरिए दिसंबर में रिकॉर्ड 17,610 करोड़ का इनफ्लो देखने को मिला। रिकॉर्ड रैली के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। म्यूचुअल फंड के एयूएम में 2022 में 2.65 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। इससे पहले 2021 में सात लाख करोड़ रुपये के साथ लगभग 22 प्रतिशत बढ़ा था। रिटेल निवेशक म्यूचुअल फंड्स में विश्वास दिखा रहे हैं।
किस योजना में लग रहा पैसा
- ओपन एंडेड डेट फंड की आम मूल्य 12.9 लाख करोड़ है, पर गिरावट 5.0% है।
- ओपन एंडेड हाइब्रिड फंड का मौद्रिक आम 6.6 लाख करोड़ और वृद्धि 6.0% है।
- ओपन एंडेड इक्विटी फंड की निवेश मौद्रिक 21.8 लाख करोड़ और वृद्धि 7.0% है।
- लिक्विड फंड की नेट मौद्रिक 3.8 लाख करोड़ है, पर गिरावट 9.0% है।
- डेट फंड की मौद्रिक मूल्यवृद्धि में गिरावट का कारण अज्ञात है।
- हाइब्रिड फंड की मौद्रिक वृद्धि में ठीकमती बनी हुई है।
- इक्विटी फंड की निवेश मौद्रिक में सुधार देखा जा सकता है, परंतु लिक्विड फंड में गिरावट है।
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