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OPS: सरकारी कर्मचारियों दो टूक-मंजूर नहीं NPS में संशोधन, लागू हो गारंटीकृत पुरानी पेंशन; सुझाया ये फॉर्मूला

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कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार से कहा कि उन्हें एनपीएस में सुधार नहीं चाहिए। उन्हें केवल पुरानी गारंटीकृत पेंशन ही चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए एनजेसीए गठित किया गया है। एनजेसीए के वरिष्ठ पदाधिकारी सी. श्रीकुमार ने यह बात कही। एनपीएस पर वित्त मंत्रालय की कमेटी की रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

अफवाह है कि एनपीएस के तहत पेंशन लाभ बढ़ाया जाएगा। सरकार रिटायरमेंट पर अंतिम बेसिक सैलरी का 50% पेंशन देगी। श्रीकुमार ने कहा कि यह प्रस्ताव मंजूर नहीं होगा। कर्मियों को गारंटीकृत पेंशन सिस्टम चाहिए। डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने एनपीएस को ओपीएस में बदलने के सुझाव दिए। एनपीएस के नाम से ही कर्मी संतुष्ट नहीं हैं।

नई पेंशन स्कीम में ‘पेंशन लाभ’ आकर्षक बने

मार्च 2023 में केंद्र सरकार ने एक समिति गठित की। समिति की अध्यक्षता वित्त सचिव टीवी सोमनाथन करेंगे। समिति का मकसद पुरानी पेंशन प्रणाली पर लौटे बिना समाधान ढूंढना है। समिति एनपीएस लाभों को बेहतर बनाने के तरीके खोजेगी।

  • कार्मिक मंत्रालय के सचिव समिति के सदस्य होंगे।
  • लोक शिकायत मंत्रालय के सचिव भी समिति में शामिल हैं।
  • पेंशन मंत्रालय के सचिव समिति में होंगे।
  • व्यय विभाग के विशेष सचिव समिति के सदस्य होंगे।
  • पीएफआरडीए के अध्यक्ष समिति में शामिल हैं।
  • समिति एनपीएस के मौजूदा ढांचे में बदलाव की सिफारिश करेगी।
  • नई पेंशन स्कीम को अधिक आकर्षक बनाने के सुझाव दिए जाएंगे।
  • सुझावों से आम जनता के हितों पर विपरीत असर नहीं होना चाहिए।
  • बजटीय अनुशासन का भी ख्याल रखना होगा।
  • समिति को कार्यालय ज्ञापन में विशेष निर्देश दिए गए।
  • समिति एनपीएस में सुधार के तरीके सुझाएगी।

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एनपीएस में जीपीएफ की सुविधा भी नहीं

एआईडीईएफ महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा कि अभी कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। सरकारी कर्मचारी 24 घंटे सरकार के लिए काम करते हैं। युद्ध, आपातकाल, या महामारी में सरकारी कर्मचारी अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

  • पेंशन के लिए वेतन से दस फीसदी कटौती क्यों हो?
  • एनपीएस में बेसिक पे और डीए में कटौती होती है।
  • एनपीएस में जीपीएफ की सुविधा नहीं मिलती।
  • जीपीएफ सुविधा पुरानी पेंशन वाले कर्मियों को मिलती है।
  • ओपीएस मुद्दे पर सभी कर्मचारी संगठनों से चर्चा होगी।
  • आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।
  • सरकारी कर्मचारी हर आपदा में आगे बढ़कर काम करते हैं।
  • पुरानी पेंशन की गारंटी क्यों नहीं दी जा रही?
  • कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन की मांग की है।
  • कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है।

आंध्र प्रदेश एनपीएस मॉडल की चर्चा

केंद्रीय कर्मचारी संगठनों में चर्चा है कि केंद्र सरकार एनपीएस में बदलाव कर सकती है। आंध्र प्रदेश एनपीएस मॉडल पर आधारित बदलाव हो सकते हैं। पेंशन राशि, अंतिम वेतन और महंगाई भत्ते का 50 फीसदी हो सकती है। यह मॉडल एनपीएस और परिभाषित लाभ पेंशन योजना को जोड़ता है। राज्य सरकार और कर्मचारी, दोनों वेतन का 10 फीसदी एनपीएस में योगदान करते हैं।

आंध्र प्रदेश गारंटीड पेंशन सिस्टम (एपीजीपीएस) 2023 में लागू हुआ। एपीजीपीएस अधिनियम, 2023 की धारा 3 जोखिम को कम करती है। सरकारी कर्मचारियों को इससे अधिक सामाजिक सुरक्षा मिलती है। रिटायरमेंट के बाद स्थिर और अनुमानित आय मिलती है। एनपीएस में अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन गारंटी दी जाती है।

बाजार के उतार-चढ़ाव से संबंधित जोखिम कम हो जाते हैं। पेंशन योजना अधिक सुरक्षित और स्थिर होती है। आंध्र प्रदेश मॉडल केंद्र सरकार के लिए आदर्श हो सकता है। यह मॉडल कर्मचारियों को भविष्य में स्थिर आय सुनिश्चित करता है। कर्मचारी संगठनों ने एनपीएस में सुधार की मांग की है।

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एनपीएस में 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा

डॉ. मंजीत सिंह पटेल के अनुसार, पुरानी पेंशन व्यवस्था सुरक्षित और किफायती है। अगर विपक्ष सत्ता में आता है, तो वह एनपीएस को खत्म नहीं करेगा। वजह यह है कि 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक एनपीएस में जमा है। एनपीएस के पैसे का बड़ा हिस्सा इक्विटी में लगा है। अगर इसमें कटौती होती है, तो नुकसान हो सकता है। यह पैसा निवेशों में लगता है, जो अर्थव्यवस्था को सहारा देता है।

  • कई योजनाएं बंद हो सकती हैं, जिससे कर्मचारियों को नुकसान होगा।
  • हमारे संगठन की मांग है कि एनपीएस को ओपीएस में बदला जाए।
  • इससे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के सभी लाभ मिलेंगे।
  • ऐसे में शेयर मार्केट पर विपरित असर पड़ सकता है।
  • इससे सरकारी सिक्योरिटी में नुकसान हो सकता है।
  • पेंशन की योजनाओं में बदलाव से कर्मचारियों का अधिकार सुनिश्चित होगा।
  • एनपीएस के खाताधारकों को सुरक्षित महसूस कराता है।
  • बजट में एनपीएस को बढ़ावा देना चाहिए।
  • सरकार को कर्मचारियों के हित में निर्णय लेना चाहिए।
  • एनपीएस से संबंधित निवेशों का प्रबंधन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
  • यह निवेशों के सुरक्षितता और लाभ को सुनिश्चित करता है।

समाज को स्थायित्व और सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है। सरकार को अधिक विकल्पों का विचार करना चाहिए। पुरानी पेंशन की व्यवस्था को सुरक्षित और समृद्धि से बनाए रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।

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जीपीएफ में 7.1 फीसदी दर से ब्याज

  • डॉ. मंजीत पटेल की जीपीएफ से सैलरी कटती है और उसे 7.1% ब्याज मिलता है।
  • जीपीएफ का पैसा सरकार नहीं इस्तेमाल कर पाती है।
  • एनपीएस में 10% कटौती होती है और ब्याज नहीं मिलता।
  • सरकार को एनपीएस में भी जीपीएफ जैसा ब्याज देने की जरूरत है।
  • एनपीएस में औसतन 9% से अधिक ब्याज मिलता है।
  • सरकार को कर्मचारियों के लिए ज्यादा ब्याज देने की आवश्यकता है।
  • एनपीएस में जमा होने वाले पैसे को बढ़ाकर ज्यादा फायदा होगा।
  • ज्यादा पैसे मार्केट में लगेंगे तो उससे अधिक लाभ होगा।
  • कर्मचारियों की सीमा को बढ़ाकर उन्हें भी ज्यादा लाभ मिलेगा।
  • सरकार को उनकी मांग को ध्यान में रखना चाहिए।
  • इससे कर्मचारियों का हित होगा और उन्हें अधिक लाभ मिलेगा।
  • बजट में इस पर विचार किया जाना चाहिए ताकि सही निर्णय लिया जा सके।

एनपीएस में जीपीएफ से ज्यादा रिटर्न

एनपीएस में कर्मचारियों का हिस्सा बढ़ाकर उन्हें ओपीएस भी दिया जाना चाहिए। इससे कर्मचारियों को अधिक लाभ होगा। यह एक उत्तेजना भरा कदम होगा। सरकार को भी फायदा होगा। कर्मचारियों को विश्वास बढ़ेगा। इससे सरकार की छवि मजबूत होगी। सरकार को एनपीएस में और निवेश करने की रिटायरमेंट के दौरान कर्मचारियों का लाभ होगा। सरकार को कर्मचारियों के प्रति दायित्व महसूस होगा। इससे सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी। यह विकल्प कर्मचारियों के लिए सुरक्षित होगा।

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Author

  • निशा खान

    नेहा खान ने हिंदी में एम.ए किया है और कई प्रतिष्ठित प्रकाशनों के लिए लेख लिखे हैं। लेखन उनका शौक है और उन्हें सरकारी योजनाओं, तकनीक, बिज़नेस आइडियाज और शिक्षा पर लिखना बहुत पसंद है। नेहा सरल और समझ में आने वाली जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाने में माहिर हैं।

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