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Old Pension Scheme: खुशखबरी लागू हो सकती है पुरानी पेंशन योजना

Old Pension Scheme

प्रत्येक कामकाजी व्यक्ति अपने मेहनत, ज्ञान और सामर्थ्य के बल पर धन अर्जित करता है, किंतु यह भी तभी तक संभव है जब तक उसके शरीर में इस कार्य हेतु क्षमता है. लेकिन बुढ़ापे में उसका सहारा पेंशन होता है जो उसे नौकरी के उपरांत सर्कार की तरफ से प्राप्त होती है. आज हम इसी से सम्बंधित ओल्ड पेंशन योजना के बारे में विवेचना करेंगे।

व्यक्ति वृद्धा अवस्था हेतु स्वयं को तैयार रखने के लिए ही अक्सर पेंशन योजनाओं से जुड़ना पसंद करता हैं.

आज के इस पोस्ट में हम आप सभी लोगों के समक्ष ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़ी सारी आवश्यक जानकारियां प्रस्तुत करने वाले है.

ओल्ड पेंशन स्कीम 

नए साल से पूर्व आई एक अन्य खबर के जरिए केंद्रीय कर्मचारियों ने राहत की सांस ले ली है.

प्राप्त मीडिया रिपोर्टों की यदि माने तो उनके जरिए दावा किया जा रहा है, कि मोदी सरकार 2024 में लोकसभा चुनाव से पूर्व इस पर विचार कर सकती है.

इससे किन-किन लोगों को फायदा प्राप्त होगा? और किस प्रकार से यह लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी?

इन सभी जानकारियां की प्राप्ति हेतु आवश्यक है कि आप इस पोस्ट के साथ आखिर तक जुड़े रहे.

जानें राज्य सरकारें क्या कर रही है?

राजस्थान सरकार के पश्चात पंजाब, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड सरकार ने भी पुराने पेंशन स्कीम को बहाल करने की घोषणा कर दी है.

गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से राज्य में सरकार बनने पर, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का निश्चय करते हुए वादा भी किया गया है.

दूसरी तरफ केंद्रीय कर्मचारी भी बड़े ही लंबे समय से पुराने पेंशन योजना को लागू करने की मांग भी निरंतर करते ही चले जा रहे थे.

लोकसभा चुनाव से पूर्व विचार किया जा सकता है

नए वर्ष से पुर्व आई इस खबर से सभी केंद्रीय कर्मचारी बड़े ही आनंद में है.

प्राप्त मीडिया रिपोर्टों की यदि माने तो मोदी सरकार साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व ही इस पर विचार कर सकती है.

केंद्रीय कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग पर कानून मंत्रालय से मशवरा मांगा गया है.

कानून मंत्रालय से पूछा गया है कि, किस विभाग में पुराने पेंशन योजना को लागू किया जा सकता है?

मंत्रालय की ओर से इस पर कोई ठोस उत्तर तो नहीं प्राप्त हो सका है, किंतु इस पर शीघ्र ही विचार किया जाएगा.

भागवत कराड ने भी रुख साफ कर दिया 

इससे पूर्व सांसद के वित्त सत्र में वित्र राज्य मंत्री भागवत कराड ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर स्वयं का रुख साफ कर दिया था.

उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र की तरफ से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने पर विचार नहीं किया जा रहा है.

आपको हम इस बात से भी सूचित करा दें कि चुनावों में जिस प्रकार से विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को इतना उभारा जा रहा है,

उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में ही इस पर कोई पॉजिटिव डिसीजन लिया जा सकता है.

कानून मंत्रालय से राय मांगी गई है 

परमाणु ऊर्जा विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने पिछले कुछ दिनों में यह कहा था, कि पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा बहुत ही बड़ा है इस पर कानून मंत्रालय से राय भी मांगी गई थी.

वहां से जवाब मिलने के पश्चात ही कोई भी निर्णय लेना होगा.

यहाँ यह जानना भी बेहद आवश्यक है, कि पुरानी पेंशन उसकी अंतिम ड्रोन सैलरी (last drawn salary) के बेसिस पर बनाई जाती थी.

इसके साथ ही साथ इसमें महंगाई भत्ते को भी बढ़ाकर के प्रदान किया जाता था.

ओ पी एस (OPS) को जनवरी 2004 से खत्म करने का निर्णय लिया गया था.

नई पेंशन योजना क्या है?

नई पेंशन योजना को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के नाम से भी संबोधित किया जाता है.

इसमें कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तथा महंगाई भत्ते का 10% हिस्सा काट लिया जाता है.

एनपीएस शेयर बाजार की चाल पर आधारित है 60 वर्ष की उम्र के पश्चात पेंशन प्राप्ति के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना पड़ता है तथा आपको 60% पैसों में से पेंशन प्रदान किया जाता है योजना में रिटायरमेंट के पश्चात पेंशन की गारंटी नहीं होती है.

आप को इस बात से अवगत करवा दें की अटल बिहारी वाजपेई सरकार के कार्यकाल में पुराने पेंशन योजना अर्थात ओल्ड पेंशन स्कीम को समाप्त कर दिया गया था.

इसके साथ ही साथ जनवरी 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू करने का निर्णय भी लिया गया था.

वास्तविकता में एनपीएस अंशदान पर आधारित पेंशन योजना है तथा इसमें महंगाई भत्ते का कोई भी प्रावधान नहीं प्रदान किया जाता है.

एनपीएस मेच्योरिटी पीरियड 

वैसे तो एनपीएस में मेच्योरिटी पीरियड का कोई भी परिपक्व प्रावधान प्रदान नहीं किया गया है कि इसकी मैच्योरिटी कब होती है लेकिन इसमें निवेश कर्ता 60 वर्ष की आयु तक निवेश कर सकता है.

60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात ही निवेश कर्ता को पेंशन की सुविधा प्राप्ति हेतु अवसर प्राप्त होता है।

यदि बात की जाए अन्य पेंशन स्कीम की तुलना की तो उसमें poverty withdrawal नेशनल पेंशन स्कीम की तुलना में बहुत ही ज्यादा सरल होता है.

यदि आप एक बार एनपीएस में निवेश करना प्रारंभ कर देते हैं तो फिर इसमें निवेश किए गए पैसे को बीच में नहीं निकाल सकते हैं.

बात की जाए इपीएफ अकाउंट या फिर पीपीएफ अकाउंट की तो इसमें मेच्योरिटी पीरियड पूर्ण होने के पश्चात आप पैसों का विड्रावल भी कर सकते हैं.

पीपीएफ अकाउंट और एनपीएस में क्या अंतर है?

पीपीएफ अकाउंट पर अभी वर्तमान में सरकार 7.1% की सालाना ब्याज प्रदान कर रही है.

पीपीएफ में आपको एक मुश्त पैसा प्रदान किया जाता है तथा इसमें आपको अपने रिटायरमेंट के लिए फंड का मैनेजमेंट करना पड़ता है.

यदि बात की जाए एनपीएस की तो इसमें 60% पक्का आप को एकमुश्त धनराशि प्रदान किया जाता है किंतु मिनिमम 40% की रकम एन्‍युटी मैं जाएगी जिसमें आपको मंथली पेंशन प्राप्त होगा।

निष्कर्ष

आज के इस पोस्ट में हमने आप सभी लोगों के समक्ष में ओल्ड पेंशन स्कीम तथा नेशनल पेंशन स्कीम से जुड़ी सारी आवश्यक जानकारियां दी है.

हमें आशा है कि हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई है सभी जानकारी आपको बहुत ही लाभ प्रदान करेंगी।

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