क्या आप स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी हो या कॉलेज में पढ़ने वाले और आप अपने पढ़ाई या फिर करियर में सक्सेस पाना चाहते हैं, तो आपको अपना टाइम टेबल बनाने की जरूरत है।
अगर आपने अब तक अपना टाइम टेबल नहीं बनाया है तो कोई बात नहीं। यहां हम आपको टाइम टेबल कैसे बनाएं? की पूरी जानकारी देने वाले हैं। तो आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े, समझे और उसे फॉलो करें।
टाइम टेबल क्या है?
टाइम टेबल कैसे बनाएं? इसे जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि टाइम टेबल आखिर होता क्या है?
इसे क्यों बनाया जाता है?
जब तक आप किसी चीज के बारे में अच्छे से जानेंगे नहीं तो उसे आप फॉलो कैसे करेंगे। इसलिए आपके लिए यह जरूरी है कि आप जाने टाइम टेबल होता क्या है?
“”अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रत्येक दिन/ सप्ताह/ महीना/ के कार्यों को निर्धारित समय के अनुसार सारणी बद्ध तरीके से उसकी सूची तैयार कर उसे फॉलो करना, टाइम टेबल कहलाता है।“”
किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए, आप नौकरी करने वाले व्यक्ति हो या फिर आप पढ़ाई करने वाले छात्र हो तो अपने सिलेबस को पूरा करने के लिए खुद को व्यवस्थित तरीके से समय के अनुसार बांधना बहुत ही जरूरी होता है।
यानी कि हमें पहले से रणनीति तैयार करनी पड़ती है। अगर आप अपने जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो।
टाइम टेबल क्यों बनाना चाहिए?
- अपने निर्धारित लक्ष्य पर फोकस बनाए रखने के लिए टाइम टेबल का बनाना आवश्यक है।
- एक विद्यार्थी को अपने पढ़ाई के समय को नियंत्रण रखने के लिए टाइम टेबल का बनाना जरूरी है।
- ताकि प्रत्येक दिन सभी सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकें। ना की एक ही विषयों की पढ़ाई करें अपना सारा समय बर्बाद करें।
- टाइम टेबल बना रहने से आपका दिमाग और मन दोनों स्थिर रहता हैं भटकता नहीं है।
- आपका समय व्यर्थ नहीं जाता यह सोचने में कि आपको सारा दिन क्या क्या करना है। क्या क्या पढ़ना है। यह सब कुछ टाइम टेबल में ही निर्धारित रहता है।
- स्कूलों में या कॉलेजों में भी विद्यार्थियों को टाइम टेबल के अनुसार ही पढ़ाया जाता है ताकि सभी विषयों पर ध्यान दिया जाए।
- एक साधारण व्यक्ति हो या नौकरी करने वाला व्यक्ति भी अपने दिनचर्या को टाइम टेबल के अनुसार ही पूरा करता है।
- बड़े बड़े बिजनेसमैन भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किया जाने वाला कार्य को टाइम टेबल के अनुसार ही पूरा करते हैं।
तो फिर चलिए जानते हैं टाइम टेबल कैसे बनाए जाते हैं?
जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे कार्यों को व्यवस्थित तरीके से एक निश्चित समय में पूरा करने के लिए टाइम टेबल की आवश्यकता होती है।
मगर हर व्यक्ति का या हर विद्यार्थी का कार्य अलग-अलग होता है तो उन्हें अपना टाइम टेबल अपने तरीके से बनाना चाहिए ना की किसी और से।
टाइम टेबल हमे ऐसा बनाना चाहिए जो फ्लैक्सिबल हो अगर हम अपने बनाए हुए टाइम टेबल से संतुष्ट नहीं है उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो हमें अपने टाइम टेबल में बदलाव करने की जरूरत होगी।
तीन तरह के टाइम टेबल होते हैं।
- Daily time table
- Weekly time table
- Monthly time table
1. daily time table
यहां हम पढ़ाई का टाइम टेबल बना रहे हैं ना कि अपने दिनचर्या के कामों का, यहां हमने आपको एक प्रारूप बताया है कि आपका daily के पढ़ाई का टाइम टेबल कैसा होगा।
आप अपने अनुसार इसे परिवर्तित भी कर सकते हैं.
क्रमांक संख्या | समय | विषय |
1 | 4 pm- 5 pm | Math |
2 | 5 pm- 6 pm | Sciences (physics,chemistry, biology) |
3 | 6 pm- 7 pm | English |
4 | 7 pm- 8 pm | Social science(history, geography, civics) |
5 | 8 pm- 9 pm | Dinner |
6 | 9 pm- 10 pm | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) |
7 | 10 pm- 11 pm | Project |
8 | 6 pm- 8 pm | Revision |
सभी विद्यार्थियों के स्कूल या कॉलेज से आकर लंच करने के बाद का टाइम टेबल हमने यहां बनाया है आप अपने अनुसार परिवर्तन कर सकते हैं.
2. weekly time table
सप्ताहिक टेबल किस प्रकार बनाया जाता है इसमें हमने आपको बताने की कोशिश की है कि इसमे आपको सिर्फ अपने सब्जेक्ट चुनने है कि कौन कौन सा दिन में आपको कौन सा सब्जेक्ट की पढ़ाई करना चाहिए।
आपको फिर से बता देते हैं कि यह सिर्फ एक मॉडल है आप अपने अनुसार अपना शेड्यूल तैयार कर सकते हैं।
Weekly time table
Time | Mon | Tue | Wed | Thu | Fri | Sat | Sun |
4:0pm- 5:0pm | Math | Math | Math | Math | Math | Math | Math revision |
5:0pm- 6:0pm | Sci physics | Physics | SciChemistry | Chemistry | Biology | Biology | SciRevision |
6:0pm- 7:0pm | English | English | English | English | English | English | Revision |
7:0pm- 8:0pm | Social science(civics) | Social science(civics) | Social science(history) | Social science(history) | Social science(geography) | Social science(geography) | Social scienceRevision |
8:0pm- 9:0pm | Dinner | Dinner | Dinner | Dinner | Dinner | Dinner | Dinner |
9:0pm- 10:0pm | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) | Language study( hindi/ urdu/ sanskrit/ bangla) |
6:0am- 7:0am | Remember | Remember | Remember | Remember | Remember | Remember | Remember |
7:0am- 8:0am | Remember | Remember | Remember | Remember | Remember | Remember | Remember |
3. monthly time table
यहां इस टाइम टेबल में हमने आपको सिर्फ चैप्टर के नंबर बताएं हैं नाम नहीं क्योंकि हर किसी के चैप्टर का नाम एक समान नहीं हो सकता है इसलिए आप अपने अनुसार शेड्यूल तैयार करें।
मंथली टाइम टेबल में आप यहां देख सकते हैं कि आपको 1 महीने में सिर्फ 1 चैप्टर ही पढ़ने हैं तो आप अच्छे से इसकी तैयारी कर सकते हैं।
Subject | Jan | Feb | Mar | April | May | Jun | Jul | Aug | Sep | Oct | Nov | Dec |
Science | Chapter -1 | Chapter 2 | Chapter 3 | Chapter4 | Chapter5 | Chapter6 | Chapter7 | Chapter8 | Chapter 9 | Chapter10 | Chapter 11 | Chapter12 |
Math | Chapter-1 | chapter -2 | chapter -3 | chapter -4 | chapter -5 | chapter -6 | chapter -7 | chapter -8 | chapter -9 | chapter -10 | chapter -11 | Chapter12 |
English | chapter -1 | chapter -2 | chapter -3 | chapter -4 | chapter -5 | chapter -6 | chapter -7 | chapter -8 | chapter -9 | chapter -10 | chapter -11 | Chapter12 |
Hindi | chapter -1 | chapter -2 | chapter -3 | chapter -4 | chapter -5 | chapter -6 | chapter -7 | chapter -8 | chapter -9 | chapter -10 | chapter -11 | Chapter12 |
Social science | chapter -1 | chapter -2 | chapter -3 | chapter -4 | chapter -5 | chapter -6 | chapter -7 | chapter -8 | chapter -9 | chapter -10 | chapter -11 | Chapter12 |
Additional sub | chapter -1 | chapter -2 | chapter -3 | chapter -4 | chapter -5 | chapter -6 | chapter -7 | chapter -8 | chapter -9 | chapter -10 | chapter -11 | Chapter12 |
जिन जिन विषयों के चैप्टर 12 तक नहीं है जितने भी चैप्टर है एक किताब में, आप उसे पहले पूरा कीजिए।
उसके बाद बाकी के महीना मे आप उसका रिवीजन कर सकते हे।
Study Time Table कैसे बनाएं?
टॉपर बनने के लिए टाइम टेबल बनाते समय हमें इन मुख्य बातों को ध्यान में रखनी चाहिए।
1. Focus on your goal
यानी कि लक्ष्य पर फोकस करने के लिए या लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक रणनीति तैयार करना जरूरी होता है।
अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखने के लिए अपनी आदतों को बदलनी पड़ती है। वो कहते हैं ना
- जिंदगी तब तक
- नहीं बदलती
- जब तक आदतें
- नहीं बदलते।
अगर आप एक टॉपर बनना चाहते हैं। पढ़ाई में या किसी भी क्षेत्र में तो आपको अपनी आदतें बदलनी होंगी। आपको अपना टाइम टेबल तैयार करना होगा और उसे फॉलो करना होगा।
तभी आप अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रख पाएंगे।
2. सभी विषयों को एक समान प्राथमिकता दें।
आप टाइम टेबल बना रहे हैं तो आपको यह ध्यान रखना है कि आप सभी विषयों को एक समान प्राथमिकता देंगे। जो सब्जेक्ट आपको पढ़ना पसंद नहीं है उसे भी आप पढ़ें। समय दे।
ऐसा इसलिए हम केह रहे है कि अगर आप टॉप करना चाहते हैं तो आपको सभी विषयों में अच्छे अंक लाने होंगे। जिसके लिए आपको सभी विषय को पढ़ने होंगे ।
3. हर दिन एक ही समय पर पढ़ने के लिए बैठने की कोशिश करें।
कोई भी कार्य आप यदि लगातार 21 दिनों तक करते हैं।तो वह कार्य हमारी आदतें बन जाती है। और हमारा मस्तिष्क भी उसे accept कर लेता है।
जिससे हमें यह फायदा होता है कि जब भी वह समय आता है तो हमारा मस्तिष्क सिग्नल दे देता है कि हमें वह कार्य करना है अभी।
इसलिए आप अपने बनाए हुए टाइम टेबल को लगातार 21 दिन फॉलो कर पढ़ाई करेंगे तो यह आपकी आदत बन जाएगी।
4. ब्रेक के लिए भी समय निकालें
आपको टाइम टेबल बनाते वक्त अपने एंटरटेनमेंट के लिए ब्रेक का भी समय निकालें।
आप अपने पढ़ाई पर तभी फोकस कर पाएंगे जब आप समय-समय पर ब्रेक लेंगे।
अगर लंबे समय तक आप पढ़ाई करते जा रहे हैं करते जा रहे हैं तो आपक शरीर, मन और मस्तिष्क थक जाएगा। फिर उसके बाद आप अपने पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाएंगे अच्छे से पढ़ नहीं पाएंगे बस समय बर्बाद करते जाएंगे।
ध्यान रहे ब्रेक के टाइम पर आप फोन एकदम यूज ना करें नहीं तो आप 2 मिनट के लिए अपने फोन उठाएंगे पता चला दो घंटे पार हो गए।
5. दृढ़ निश्चय के साथ टाइम टेबल का पालन करें।
आप टाइम टेबल तो बना रहे हैं मगर यह जरूरी है कि आप उससे दृढ़ निश्चय के साथ फॉलो भी करें।
टाइम टेबल आपको ऐसा बनाना चाहिए जो flexible हो जिसमें आप परिवर्तन कर सके।
अगर आप अपने बनाए हुए टाइमटेबल के अनुसार खुद को खड़ा नहीं उतार पा रहे हैं तो आप उसमें परिवर्तन करके देखें शायद आप का मन टाइम टेबल को फॉलो करने में लगे।
आप अपने छुट्टियों के लिए भी समय निकालें। आपको टाइम टेबल ऐसा बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए जिसमें सिर्फ और सिर्फ आप पढ़ाई ही पढ़ाई करते रहें। बीच-बीच में ऑकेजन आते रहते हैं त्यौहार आते रहते हैं तो आपको उसके लिए भी समय निकालना है। तभी आप अपने पढ़ाई पर फोकस कर पाएंगे।
निष्कर्ष
बच्चों अगर जीवन में सफलता चाहते हैं तो अनुशासन के साथ-साथ टाइम टेबल को भी फॉलो करना होगा। यहां इस आर्टिकल में हमने आपको बस एक तरीका बताया है।
आप अपने अनुसार अपने दिनचर्या के अनुसार अपना टाइम टेबल तैयार करें। और उसे फॉलो करें उम्मीद करते हैं हमारा आर्टिकल आपको पसंद आएगा।
Whatsapp Channel | Join |
Telegram Channel | Click Here |
Homepage | Click Here |