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8th Pay Commission: पुरानी पेंशन के साथ अब 8वें वेतन आयोग के गठन पर रार, क्या लोकसभा चुनाव से पहले होगी घोषणा?

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8th Pay Commission: सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार कर्मचारी संगठनों के खिलाफ नाराजगी को महसूस कर रही है। पुरानी पेंशन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को जल्द ही निर्णय लेने का आसार है। वित्त मंत्रालय की कमेटी ने एनपीएस सुधार की संभावना पर चर्चा की है। इन मुद्दों पर केंद्र सरकार की ध्यानाकर्षण की कोशिश हो रही है। कर्मचारी संगठनों और सरकार के बीच इस मुद्दे का समाधान महत्वपूर्ण है।

पुरानी पेंशन मुद्दे पर केंद्र सरकार ने निर्णय लेने का वादा किया है। ओपीएस और 8वें वेतन आयोग के गठन पर सरकार को दबाव महसूस हो रहा है। कर्मचारी संगठनों की नाराजगी से सरकार चिंतित है। पुरानी पेंशन के मुद्दे में निर्णय के लिए कमेटी गठित की गई है। वित्त मंत्रालय की कमेटी ने एनपीएस सुधार की सिफारिश की है।

रेलवे और डिफेंस सेक्टर के कर्मचारियों ने हड़ताल के लिए वोट किया है। विपक्ष ओपीएस के समर्थन में है और कर्मचारियों के साथ है। 2024 लोकसभा चुनाव पर इसका असर हो सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले आठवें वेतन आयोग की घोषणा हो सकती है। कर्मचारी संगठनों का दबाव सरकार को चुनाव से पहले कठिनाई में डाल सकता है।

2013 में गठित हुआ था सातवां वेतन आयोग

1 जुलाई से महंगाई भत्ते में 4% वृद्धि हुई, दर अब 46% हैं। केंद्रीय कर्मियों के डीए में पिछले कई वर्षों से वृद्धि हो रही है। जनवरी में डीए की दरों में 4-5% की वृद्धि हो सकती है। आने वाले वेतन आयोग की तैयारी है, जिससे सेलरी में सुधार हो सकता है। वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार, पे रिवाइज हर 10 साल में होता रहे। अब इसे प्रतिवर्ष करने की भी संभावना है।

  • केंद्र सरकार को 8वां वेतन आयोग का गठन करना होगा यदि जनवरी में वृद्धि हुई।
  • सातवां वेतन आयोग ने 2013 में गठित होकर 2016 में सिफारिशें दी थीं।
  • कर्मियों की उम्मीद है कि उनके डीए की दर जल्दी ही 51% तक पहुंचेगी।
  • इससे सरकार को 8वां पे कमीशन गठित करना होगा।
  • आठवें वेतन आयोग की आवश्यकता है, जिससे कर्मियों को नए भत्तों का लाभ हो।
  • भत्तों में 25% तक की वृद्धि का भी सुझाव है।
  • केंद्र सरकार ने चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जो अब प्रभावी हो गई है।
  • वेतन आयोग को समय-समय पर गठित करना आवश्यक है ताकि सैलरी में समानता बनी रहे।
  • इसके बिना, कर्मियों की सेलरी में स्थिति बचाव के लिए संभावनाएं कम हो सकती हैं।

डीए 50 फीसदी होने का मिलेगा ये फायदा

केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से 4% डीए वृद्धि की सौगात दी है। ‘ओपीएस’ के मुद्दे पर बैठक में आईडीईएफ के महासचिव का कहना है। कर्मियों के डीए की दर अब 46% पर पहुंची है। जनवरी 2024 में महंगाई भत्ते में 4-5% की बढ़ोतरी होगी। इससे कर्मियों का डीए 50% या उससे ज्यादा होगा।

  • 8वें वेतन आयोग की गठन की आवश्यकता हो सकती है।
  • कर्मियों की मांग में वेतन आयोग का गठन भी है।
  • नवंबर की रैली में कई मांगें रखी गई थीं।
  • ओपीएस के अलावा रिक्त पदों को भरना मांगा गया।
  • निजीकरण पर रोक लगाने की मांग भी थी।
  • आठवें वेतन आयोग की गठन की भी मांग थी।
  • कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए का एरियर जारी करना मांगा गया।
  • कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने आयोजित की रैली।
  • महासंघ ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बातचीत की।
  • कर्मचारियों के हित में सुधार के लिए नए कदम उठाने की मांग की गई।

ओपीएस पर मिला भारतीय मजदूर संघ का समर्थन

सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ (जीईएनसी) से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने पेंशन योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरएसएस परिवार की ट्रेड यूनियन बीएमएस ने भी समर्थन जताया। कर्मचारियों ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों को प्रस्तुत किया। बीएमएस ने एनपीएस के खिलाफ उठाया सवाल और पुरानी पेंशन की मांग की।

  • बीएमएस महासचिव और जीएनईसी महासचिव ने एनपीएस का खिलाफ दृढ़ता से बताया।
  • एनपीएस एक बाजार-आधारित अंशदायी पेंशन योजना है।
  • कर्मचारियों ने असंतोष और नाराजगी का विरोध किया।
  • राज्य सरकारें ओपीएस को बहाल करने के लिए कई कदम उठा रही हैं।
  • कर्मचारियों ने गारंटीकृत पेंशन और महंगाई राहत की मांग की है।
  • जीएनईसी ने सीपीसी की सिफारिशों के अनुरूप पेंशन संशोधन का समर्थन किया है।
  • प्रदर्शन के बाद, मांगों को लेकर मुलाकात में सरकार से ज्ञापन सौंपा गया।
  • बीएमएस ने एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना की मांग की है।
  • कर्मचारियों ने न्यूनतम 50 फीसदी गारंटीकृत पेंशन की मांग की है।
  • मूल्य तटस्थता के लिए महंगाई राहत की मांग की गई है।

सरकार को सीपीसी की सिफारिशों के अनुसार पेंशन में संशोधन करने का आदान-प्रदान करने की मांग है। आपूर्ति के बाद के वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर पेंशन को संशोधित करने की मांग की गई है। परिसंघ ने कर्मचारियों की मांगों में शामिल करने का आदान-प्रदान किया है। श्रमिकों में एनपीएस के खिलाफ असंतोष और नाराजगी है। बीएमएस ने शुरू से ही एनपीएस का विरोध किया है और मांग किया है कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। कर्मचारियों ने गैर-गारंटी वाली और बाजार-आधारित पेंशन योजना एनपीएस के खिलाफ उत्कृष्टता से दर्ज की है।

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Author

  • निशा खान

    नेहा खान ने हिंदी में एम.ए किया है और कई प्रतिष्ठित प्रकाशनों के लिए लेख लिखे हैं। लेखन उनका शौक है और उन्हें सरकारी योजनाओं, तकनीक, बिज़नेस आइडियाज और शिक्षा पर लिखना बहुत पसंद है। नेहा सरल और समझ में आने वाली जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाने में माहिर हैं।

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