डॉ. जितेंद्र सिंह ने डीएलसी अभियान 2.0 को सफलता के लिए बधाई दी। पेंशन विभाग, बैंक, और संघों को भी बधाई जारी की गई। 9.65 लाख पेंशनभोगियों ने फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग किया। 1-30 नवंबर, 2023 के बीच 597 स्थानों में राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान 2.0 आयोजित हुआ।
ADeeh News, दिल्ली। पेंशनर्स के लिए खुशखबरी: जीवन प्रमाणपत्र की परेशानी खत्म, 1-30 नवंबर 2023 तक डिजिटल अभियान समाप्त हुआ। राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 2.0 का सफल समापन, पेंशन विभाग को बधाई। तनाव का दौर खत्म, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग को श्रेय। प्रमाणपत्र अब तकनीकी रूप से सुधारित, 1-30 नवंबर तक आवेदन करें। पेंशन से जुड़े लोगों को सरलता से उपयोग करने का मौका मिलेगा। सुरक्षित और सुगम जीवन के लिए सरकार के कदमों का स्वागत किया जा रहा है।
Pension News Update: 1-30 नवंबर, 2023 तक 100 शहरों में 597 स्थानों पर राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान 2.0 आयोजित हुआ। कुल 1.15 करोड़ डीएलसी बनाई गई, जिसमें केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 38.47 लाख शामिल थे। राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 16.15 लाख डीएलसी बनाई गई। ईपीएफओ पेंशनभोगियों के लिए 50.91 लाख डीएलसी तैयार की गई। सम्पूर्ण प्रक्रिया 1-30 नवंबर के दौरान हुई और 597 स्थानों पर सम्पन्न हुई। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के पेंशनभोगियों के लिए विशेष डीएलसी बनाई गई। कुल मिलाकर, यह अभियान विभिन्न शहरों में बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास था।
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डीएलसी अभियान 2.0 चलाया गया
पेंशन वितरण के लिए 100 शहरों में 597 स्थानों पर 1-30 नवंबर, 2023 तक डीएलसी अभियान 2.0 चलाया गया। पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने बैंकों, मंत्रालयों, संघों, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई के साथ मिलकर संचालन किया। सहयोग से 597 स्थानों में पेंशन वितरण हुआ, जिसमें पेंशनभोगी कल्याण संघों और बैंकों की शामिलता थी। 1 से 30 नवंबर, 2023 तक कार्यक्रम ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की। डीएलसी अभियान के माध्यम से पेंशन वितरण में सुधार करने का प्रयास किया गया। संघ, विभाग, और बैंकों के सहयोग से भारत के कई राज्यों में सफलता प्राप्त हुई।
- सरकारी मंत्रालयों, पेंशन वितरण बैंकों, और पेंशनभोगी संघों के सभी हितधारकों के बीच दिशानिर्देश जारी किए गए।
- 297 नोडल अधिकारियों और 44 पेंशनभोगी कल्याण संघों ने डीएलसी अभियान 2.0 का नेतृत्व किया।
- फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी से डीएलसी के प्रतीक्षा समय को कम किया गया।
- सभी जिम्मेदारियों की भूमिकाएं और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
- पेंशन वितरण बैंकों ने सफलता से डीएलसी को प्रबंधित किया।
- समृद्धि के लिए भारत सरकार के संबंधित विभागों की सहयोगी भूमिका है।
- सभी संबंधित प्रदेशों में नेतृत्व और संगठन की अच्छी प्रदर्शन की गई।
- डीएलसी अभियान ने भारतीय पेंशन सिस्टम को मजबूती से समर्थन किया है।
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फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी को व्यापक रूप से अपनाना
डीएलसी अभियान ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों में व्यापक प्रसार किया। 38 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए तैयार किए गए डीएलसी। इनमें से 9.60 लाख फेस ऑथेंटिकेटेड डीएलसी हैं। 35 लाख से अधिक रक्षा पेंशनभोगी महीने में जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। डीएलसी जमा करना एक चालू गतिविधि है। उम्मीद है कि मार्च, 2024 तक 50 लाख से अधिक डीएलसी सबमिशन होंगे। सरकारी पेंशनभोगियों ने सक्रिय रूप से इस अभियान का समर्थन किया है। डीएलसी अभियान ने व्यापक रूप से जनता को सुविधा प्रदान की है।
डीएलसी से वरिष्ठ पेंशनभोगियों को विशिष्ट लाभ हुआ है
- 90 वर्ष से अधिक आयु वाले 24,000 पेंशनभोगियों ने डिजिटल मोड का उपयोग किया है।
- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल में 5.07 लाख, 4.55 लाख, और 2.65 लाख डीएलसी बनाए गए हैं।
- बैंकों में प्रमुख स्थान पर भारतीय स्टेट बैंक (7.68 डीएलसी) और पंजाब नेशनल बैंक (2.38 डीएलसी) हैं।
- डीएलसी बनाने वाले राज्यों में ये तीनों सबसे प्रमुख हैं।
- 90 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों का डिजिटल मोड का उपयोग बढ़ रहा है।
- पेंशन वितरण में भारतीय स्टेट बैंक 7.68 डीएलसी के साथ अग्रणी है।
- पंजाब नेशनल बैंक 2.38 डीएलसी के साथ दूसरे स्थान पर है।
- राज्यों के अन्य बैंकों ने भी डीएलसी बनाई है।
- इस आयु-वार विश्लेषण से साबित होता है कि डीएलसी का डिजिटल उपयोग बढ़ रहा है।
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पूरे देश में व्यापक कवरेज
देशभर में जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल मोड से जमा करने का लाभ हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। पेंशनभोगियों को शिविरों के माध्यम से तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्यों की राजधानियों और 100 शहरों में शिविर आयोजित किए गए हैं, जैसे कि दिल्ली, गोवा, भोपाल। डीएलसी तैयार करने के साथ पेंशनभोगियों को पूरी प्रक्रिया समझाई गई है। शहरों में से कई, जैसे कि विशाखापत्तनम, रायपुर, अहमदाबाद, शिमला, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, अजमेर, लुधियाना में शिविर हुए।
- तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए भविष्य में डीएलसी का उपयोग किया जा सकेगा।
- शिविरों में पेंशनभोगियों को उनके भविष्य की योजना को समझाने का समर्थन किया गया है।
- लखनऊ, देहरादून, चेन्नई, हैदराबाद जैसे शहरों में भी शिविरों का आयोजन किया गया है।
- पेंशनभोगियों को डिजिटल मोड का सहारा लेने के लिए तैयारी कर रखी गई है।
- गुवाहाटी, रांची, तिरुवंतपुरम में भी शिविरों का आयोजन किया गया है।
- पेंशनभोगियों को उनके जीवन प्रमाणपत्र को डिजिटल रूप से जमा करने के फायदे समझाए गए हैं।
- उन 100 शहरों में से एक में शिविर का आयोजन कर जनता को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
पेंशनभोगियों की संतुष्टि और आराम से संबंधित कई सफलता की कहानियां
पेंशन वितरण शिविरों में, पेंशनभोगी संघों के साथ, घरों/अस्पतालों का सहारा हो रहा है। वृद्ध/बीमार पेंशनभोगियों को समर्थन और संतुष्टि में वृद्धि के लिए सफल यात्राएं हो रही हैं। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की दिशा में राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान 2.0 की महत्वपूर्ण भूमिका है। सहायता से, पेंशनभोगियों को आरामपूर्ण जीवन का आनंद उठाने में सहायता मिल रही है। पेंशनभोगियों की संतुष्टि और आराम से संबंधित कहानियां सामने आ रही हैं। डीएलसी अभियान से जुड़ी सफलताएं राष्ट्रभर में उजागर हो रही हैं। पेंशनभोगियों को समर्थन और सुविधाएं प्रदान करके उनका जीवन सजीव बना जा रहा है।
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