केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी। यह नई सीमा 01 जनवरी 2024 से लागू होगी। पेंशन विभाग ने 30 मई को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। सभी मंत्रालयों और विभागों से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया। आदेश का पालन लेखा नियंत्रक और वेतन कार्यालय करेंगे। सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाई गई। कार्मिक मंत्रालय ने सभी संबंधित विभागों को सूचना दी। पेंशनभोगियों की ग्रेच्युटी में 5 लाख की वृद्धि हुई। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया। यह आदेश 01 जनवरी 2024 से प्रभावी होगा। सभी अधीनस्थ कार्यालयों को पालन सुनिश्चित करने को कहा गया। यह आदेश सभी मंत्रालयों को 30 मई को भेजा गया।
औपचारिक संशोधन, अलग से होगा अधिसूचित
कार्मिक मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है। यह ज्ञापन वित्त मंत्रालय के परामर्श से जारी हुआ है। सभी मंत्रालयों से इस आदेश को लागू करने का अनुरोध किया गया है। लेखा नियंत्रक और वेतन कार्यालयों की मदद से आदेश लागू किया जाएगा। सभी योग्य व्यक्तियों को समय पर लाभ मिलेगा। भारतीय लेखापरीक्षा विभाग के लिए अलग आदेश जारी होगा। आदेश नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के परामर्श से जारी होगा। सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 में संशोधन होगा।
सीसीएस (एनपीएस के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम 2021 में भी संशोधन होगा। संशोधन को अलग से अधिसूचित किया जाएगा। यह आदेश सभी अधीनस्थ कार्यालयों पर लागू होगा। सभी मंत्रालयों को आदेश पालन सुनिश्चित करना है। ज्ञापन आईडी नोट संख्या 1(8)/ईवी/2024 दिनांक 27.05.2024 है। इस आदेश से पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। समय पर लाभ देने की प्रक्रिया सरल होगी। मंत्रालयों और विभागों को सहयोग करना होगा।
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20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये
- सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होती हैं।
- महंगाई भत्ते की दर 50% तक पहुंचने पर ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाई जाती है।
- इस वृद्धि के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी समायोजन के प्रावधान लागू होते हैं।
- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2024 से प्रभावी होंगी।
- ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में 25% की वृद्धि की गई है।
- सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी अब 20 लाख रुपये से 25 लाख रुपये होगी।
- मृत्यु ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा भी बढ़ाई गई है।
- केंद्रीय सिविल सेवा नियम 2021 के तहत यह बदलाव लागू होगा।
- राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में भी ग्रेच्युटी भुगतान पर यह लागू होगा।
- पेंशन, पारिवारिक पेंशन और विकलांगता पेंशन पर भी यह प्रावधान लागू होगा।
- सरकार ने इन सिफारिशों को मंजूरी दी है।
2018 में पारित हुआ ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक
- ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) अधिनियम, 2018 29 मार्च, 2018 से लागू हुआ।
- इस विधेयक को लोकसभा ने 15 मार्च, 2018 को पारित किया।
- राज्य सभा ने इसे 22 मार्च, 2018 को पारित किया।
- ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 उन प्रतिष्ठानों पर लागू होता है।
- इनमें 10 या अधिक व्यक्ति काम करते हैं।
- इसका उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा देना है।
- सेवानिवृत्ति का कारण कोई भी हो सकता है।
- इसमें शारीरिक विकलांगता भी शामिल है।
- शरीर के महत्वपूर्ण अंग की क्षति भी मान्य है।
- यह अधिनियम उद्योगों और कारखानों पर लागू होता है।
- यह मजदूरी कमाने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।
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पहले अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये थी
अधिनियम के तहत ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये थी। केंद्रीय सिविल सेवा नियम 1972 में भी यही सीमा थी। 7वें वेतन आयोग से पहले यह सीमा 10 लाख थी। 7वें वेतन आयोग से सीमा 20 लाख हो गई। सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकतम सीमा 20 लाख की गई। निजी क्षेत्र में भी सीमा बढ़ाने की योजना बनी। महंगाई और वेतन वृद्धि को ध्यान में रखा गया। सरकार ने ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 में संशोधन शुरू किया। ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ाने का निर्णय हुआ। केंद्र सरकार समय-समय पर सीमा अधिसूचित करेगी।
2018 में सरकार ने नई अधिसूचना जारी की। अधिसूचना में सीमा 20 लाख रुपये की गई। ग्रेच्युटी की पात्रता में बदलाव किया गया। सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों पर यह लागू हुआ। नए नियम से कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। अधिनियम में संशोधन प्रक्रिया तेजी से हुई। ग्रेच्युटी की सीमा अब पहले से अधिक है। 7वें वेतन आयोग से सभी कर्मचारियों को लाभ मिला।
सामंजस्य सुनिश्चित होने की बात कही गई
- विधेयक में मातृत्व अवकाश पर ग्रेच्युटी गणना को संशोधित किया गया है।
- पहले यह अवधि ‘बारह सप्ताह’ थी।
- अब इसे ‘केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अवधि’ कर दिया गया है।
- वर्तमान में यह अवधि छब्बीस सप्ताह है।
- यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हुआ।
- राष्ट्रपति ने विधेयक को स्वीकृति दी।
- स्वीकृति के बाद सरकार ने इसे अधिसूचित किया।
- निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में सामंजस्य सुनिश्चित हुआ।
- सीसीएस (पेंशन) नियमों के तहत नहीं आने वाले कर्मचारियों को लाभ हुआ।
- अब वे उच्च ग्रेच्युटी राशि के हकदार होंगे।
सरकारी क्षेत्र में कार्यरत समकक्षों के बराबर लाभ मिलेगा। एक जनवरी से ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाई गई। सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की सीमा अब 25 लाख रुपये है। पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी। मृत्यु ग्रेच्युटी की सीमा भी 25 लाख रुपये है। सरकारी अधीन संगठनों में भी यह लागू है। इससे सभी कर्मचारियों को समान लाभ मिलेगा। अधिकतम ग्रेच्युटी राशि में 25 प्रतिशत वृद्धि हुई।
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