केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनधारकों के डीए (DA) और डीआर (DR) में चार फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही डीए/डीआर की दर 50% पर पहुंच गई है। नियम यह है कि डीए की दर 50% के पार होते ही कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतनमान और भत्तों में बदलाव किया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार 8th Pay Commission की घोषणा करेगी या फिर किसी अन्य नियम से सैलरी और पेंशन का संशोधन करेगी? इस समय, कर्मचारी और पेंशनभोगी संगठनों ने सरकार पर सैलरी और पेंशन संशोधन का फॉर्म्युला जारी करने का दबाव बढ़ा दिया है।
क्या है वेतन आयोग का नियम
भारत में वेतन आयोग का नियम है कि हर दस साल पर वेतन आयोग लाया जाए। अब तक सात वेतन आयोग आ चुके हैं।
- प्रथम वेतन आयोग: 1946 से
- द्वितीय वेतन आयोग: 1957 से
- तृतीय वेतन आयोग: 1970 से
- चौथा वेतन आयोग: 1986 से
- पांचवा वेतन आयोग: 1996 से
- छठवां वेतन आयोग: 2006 से
- सातवां वेतन आयोग: 2016 से
अब 10 साल पूरे होने को हैं, और 1 जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग आना चाहिए।
आठवें वेतन आयोग का इंतजार
कर्मचारियों को अब आठवें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार है। एंप्लाइज वर्कर्स के अध्यक्ष वी सी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि मौजूदा परिस्थितियों में बिना किसी विलंब के आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए। इसी तरह, BIRTSA ने भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है कि अब बिना देरी के आठवें वेतन आयोग का गठन होना चाहिए।
आठवें वेतन पर राज्यसभा से आया था सरकार का बयान
पिछले सत्र में राज्यसभा सांसद राम नाथ ठाकुर ने 8th Pay Commission के गठन को लेकर वित्त मंत्री से सवाल पूछा था। राम नाथ ठाकुर ने सवाल किया कि सरकार ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार क्यों नहीं किया है। सातवें वेतन आयोग के पैरा 1.22 में कहा गया है कि वेतन और पेंशन की समीक्षा जरूरी है और 10 साल का इंतजार किए बिना सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार आठवां वेतन आयोग लाने से हो रहे खर्चे से डर रही है।
वित्त मंत्रालय से वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का बयान
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार के पास आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सरकार का आठवें वेतन आयोग लाने का कोई विचार नहीं है।
कर्मचारी पेंशनधारक संघटन हुए आक्रामक
राज्यसभा से सरकार का बयान आने के बाद कर्मचारी और पेंशनभोगी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही आठवें वेतन आयोग का गठन नहीं किया गया, तो सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे। रेलवे की यूनियन IRTSA ने कहा कि तीसरे, चौथे, और पांचवें पे कमीशन ने सिफारिश की है कि कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन और भत्तों की समय-समय पर समीक्षा की जाए।
DA 50% होने पर ऑटोमेटिक पे रिवीजन
नियम के अनुसार, जैसे ही DA 50% का आंकड़ा छूता है, कर्मचारियों और पेंशनधारकों के भत्तों में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। अब जबकि DA 50% हो चुका है, कैबिनेट ने इसकी घोषणा भी कर दी है, तो अब समय आ गया है कि सैलरी और पेंशन में संशोधन होना चाहिए। आठवें वेतन आयोग पर तुरंत कमिटी का गठन किया जाना चाहिए।
आठवे वेतन मे क्या होगा Formula
अगर सरकार आठवां वेतन आयोग का गठन करती है तो महंगाई भत्ता जीरो से शुरू होगा। फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की जाएगी, जो 1.92 तक हो सकता है। इसके अनुसार, न्यूनतम बेसिक पे ₹18000 से बढ़कर ₹34560 हो जाएगी। इस प्रकार से बेसिक में ₹18560 की बढ़ोतरी होगी। इस बेसिक पर मंहगाई भत्ता, HRA और अन्य भत्ते लागू होंगे, जिससे सैलरी और पेंशन में इजाफा देखा जा सकता है।
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